बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के लिए सभी दल कमर कस चुके हैं और अब निर्वाचन आयोग से तारीखों के ऐलान का इंतज़ार है। सूत्रों की मानें तो नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में मतदान कराए जा सकते हैं। आयोग जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा करेगा।
कब हो सकती है घोषणा?
जानकारी के मुताबिक, दुर्गा पूजा समाप्त होने के बाद अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में चुनावी कार्यक्रम घोषित किया जा सकता है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है, इसलिए उससे पहले नई विधानसभा का गठन पूरा करना ज़रूरी है।
मतदान की संभावित तिथियां
चुनाव आयोग त्योहारी सीज़न को ध्यान में रखकर शेड्यूल तय करेगा। संभावना जताई जा रही है कि दिवाली और छठ पूजा के बाद 5 से 15 नवंबर के बीच वोटिंग कराई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा को भी आयोग अपने कैलेंडर में शामिल करेगा। इस बार चुनाव दो या तीन चरणों में निपटाए जा सकते हैं और नतीजे 20 नवंबर से पहले घोषित किए जा सकते हैं। कम चरणों में मतदान कराना सुरक्षा और प्रशासन दोनों के लिहाज से आसान माना जा रहा है।
नई व्यवस्थाएं और नियम
इलेक्शन कमीशन की टीम इस महीने बिहार का दौरा करेगी और तैयारियों की समीक्षा करेगी। इस बार मतदाता सूची को पूरी तरह अपडेट किया गया है। साथ ही नया नियम लागू होगा कि किसी भी मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 वोटर ही होंगे। इस कारण बूथों की संख्या 77 हजार से बढ़कर 90 हजार के पार हो जाएगी। यानी प्रशासन को लगभग 13 हजार नए बूथों पर व्यवस्थाएं करनी होंगी।
एनडीए में सीट बंटवारे पर सहमति
उधर, एनडीए खेमे में सीट शेयरिंग का फार्मूला लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जेडीयू को 102 सीटें, बीजेपी को 101, चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 20, जीतन राम मांझी की ‘हम’ पार्टी को 10 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को भी 10 सीटें मिलने की संभावना है।
सियासी हलचल तेज
चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक दलों की हलचल बढ़ गई है। सत्ता पक्ष जहां सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में जुटा है, वहीं विपक्षी महागठबंधन अपने उम्मीदवारों और रणनीति पर मंथन कर रहा है। माना जा रहा है कि जैसे ही आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान होगा, बिहार की राजनीति का पारा और ऊपर जाएगा।