पटना डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में तमाम सियासी दलों और गठबंधन के द्वारा अपने अपने उम्मीदवारों की सिम्बल देने का सिलसिला जारी है। टिकट नही मिलने से नाराज नेताओं का विद्रोह भी पार्टीयों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है। इसी क्रम में पटना जिले के
दीघा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनावी समर में उतरने की घोषण करते हुए चर्चित युवा समाजसेवी पप्पू राय ने मीडिया से कहा कि बहुत दुख के साथ आपको बता रहा हूं कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दीघा क्षेत्र से मुझे राजद द्वारा टिकट देने की बात कही गई थी। परन्तु यह वायदा महज सियासी जुमला बनकर रह गया।
पप्पू राय ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि राजद से मैं शुरुआत से ही एक सक्रिय अनुशासित सिपाही के तौर पर जुड़ा रहा हूँ। राजद की विचारधारा और जनसरोकार के मुद्दे को अक्षरशः लागू करने की कोशिश में तन मन धन से जुड़ा रहा हूँ। साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र में हर वक्त हर हाल में बेहद सशक्त उपस्थिति दर्ज कराता रहा हूँ। इस बात की गवाही क्षेत्र जनता दे रही है।
राजद सुप्रीमो लालू यादव और माननीय तेजस्वी यादव के हर फैसले और धरना विरोध प्रदर्शनों में न केवल सशक्त उपस्थिति दर्ज कराया है बल्कि आम आवाम अकलियत शोषित वंचित तबके खातिर सदैव तन मन धन से उनके अधिकारों के हित के रक्षा खातिर लड़ता रहा हूँ।
अपने फैसले को सही साबित करते हुए पप्पू राय ने बड़ी मायूसी के साथ कहा कि आजतक मैने राजद खातिर अपना सबकुछ कुर्बान करने में एक पल को भी कभी हिचक नही दिखाई, परंतु पार्टी ने मेरे सियासी सक्रियता को दरकिनार करते हए मुझे मझधार में छोड़ दिया है। मैं इस उम्मीद के साथ जनसरोकार से जुड़ा रहा कि आज न तो कल मैं एक जनप्रतिनिधि के तौर पर और बेहतर ढंग से समाज सेवा कर पाऊंगा। साथ ही सूबे की सबसे बड़ी पंचायत में जनता के हितों की रक्षा खातिर और उनका दुख दर्द कम करने खातिर सशक्त भूमिका का निर्वहन कर सकूंगा। इस बाबत मुझे समय समय पर राजद सुप्रीमो द्वारा मौका उपलब्ध कराने को लेकर कई बार आश्वस्त किया गया ।
पार्टी सुप्रीमो के वायदे पर एतबार करते हए मैने दीघा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारियों अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया, लेकिन वायदे के उलट पार्टी ने मेरी उम्मीदवारी को नकारते हुए विधानसभा क्षेत्र की सीट को सहयोगी दल माले को दे दिया। इस वजह से मेरा टिकट राजद से कट गया।
मैं तबभी पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता के तौर पर माले के प्रत्याशी खातिर प्रचार प्रसार और उनकी जीत सुनिश्चत करने को प्रतिबद्ध था पर परंतु माले के जो प्रत्याशी हैं। वह क्षेत्र के बाहर के निवासी हैं। उनका दीघा विधानसभा क्षेत्र से न तो को सरोकार है न ही समस्यायों की जानकारी है। इस वजह से दीघा की जनता और हमारे समर्थक मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ने को लगातार आदेश दे रहे है।
लोकतंत्र में जनता ही मालिक है। मुझे राजद से टिकट नहीं दिया गया जो मेरे लिए तकलीफदेह है लेकिन मैं निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं और अपने क्षेत्र की जनता का मान रखते हुए चुनाव लड़ने का फैसला ले चुका हूँ।
वहीं, पप्पू राय ने बताया कि आगामी 14 अक्टूबर को मैं अब अपने तय कार्यक्रम के तहत नामांकन करूँगा। साथ ही हर परिस्थिति में अपने क्षेत्र की जनता के साथ सदैव खड़ा रहूंगा।