NEWSPR DESK- लगातार बिहार सरकार कर्मचारियों पर नकेल कसने को तैयार हो चुकी है कई टीम का गठन भी किया गया वहीं आपको बता दें कि बिहार सरकार के लापरवाह सरकारी कर्मचारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई.
पटना कलेक्ट्रेट में तैनाती 11 कर्मचारियों को बीआरएस दिया जाएगा याह दंड उन्हें इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि यह डीएम द्वारा पिछले 2 माह में किए गए औचक निरीक्षण में यह कर्मचारी कार्यालय में अनुपस्थिति पाए गए थे जिसको लेकर या फैसला किया गया है.
आपको बता दें कि डीएम जब औचक निरीक्षण कर रहे थे उसी समय अनुपस्थित पाए गए 42 कर्मचारियों में से 4 ऐसे हैं जो 5 जनवरी 2021 को डीएम द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए थे.
अब ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है आपको बता दें कि जो कर्मचारी कार्यालय में नहीं पाया गए थे उनमें से मोहम्मद सागीउद्दीन अहमद, प्रधान लिपिक जिला सामान्य शाखा नीतू सिंह, लिपिक सामान्य शाखा, आलोक कुमार लिपिक जिला सामान्य शाखा, राजन कुमार लिपिक स्थापना शाखा, जैसे कई कर्मचारी मौजूद है.
आपको बता दें कि डीएम द्वारा किए गए दोनों निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए व्यक्ति 11 कर्मियों के विरुद्ध अनिवार्य सेवा निर्मित का दंड आधिरोपित किया गया है.
विभाग ने संबंधित जिलों के डीएम और नियंत्रित पदाधिकारियों से मिली सूचना के आधार में 50 से अधिक उम्र वाले इंजीनियरों को वीआरएस देने का विचार किया गया है इसके लिए विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई बैठक में खराब प्रदर्शन वाले कई इंजीनियरों के कार्य की समीक्षा की गई
विचार के बाद कार्यपालक अभियंता नवल किशोर और अरुण कुमार के बारे में यह तय हुआ कि यह अधिकारी बार-बार सचेत किए जाने के बाद भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं ला सके हैं वरीय अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करते हैं लिहाजा विभाग ने सामान्य प्रशासनिक विभाग से इसके बीआरएस की अनुशंसा की है