बिहार सरकार ने राज्य के आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) से पास होने वाले छात्रों के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब इन छात्रों को देश और विदेश की नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने के लिए दूसरे राज्यों में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
रोजगार की दिक्कत दूर करने की कोशिश
विभागीय समीक्षा बैठक में यह सामने आया था कि आईटीआई से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद छात्रों को उचित रोजगार नहीं मिल पाता, और कई बार उन्हें प्लेसमेंट में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए सरकार ने नए सिरे से कदम उठाए हैं।
विभागीय सचिव की पहल पर बना प्रशिक्षण प्लान
राज्य सरकार के निर्देश पर विभागीय सचिव ने दूसरे राज्यों में जाकर छात्रों को उन्नत प्रशिक्षण दिलाने की विशेष पहल की है। इसका उद्देश्य छात्रों को वैश्विक स्तर की तकनीकी जानकारी और प्रायोगिक अनुभव देना है, ताकि वे बेहतर नौकरी पाने में सक्षम हो सकें।
देश-विदेश की कंपनियों में प्लेसमेंट का अवसर
नए प्लेसमेंट सेल के माध्यम से आईटीआई छात्रों को देश और विदेश की प्रमुख औद्योगिक कंपनियों में रोजगार के अवसर मिलेंगे।
अब तक अधिकतर छात्र रेलवे की नौकरी को प्राथमिकता देते थे, लेकिन हाल के दिनों में भर्ती कम होने के कारण उनके विकल्प सीमित हो गए थे। नई व्यवस्था के तहत अब वे ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और निर्माण क्षेत्र में भी रोजगार पा सकेंगे।
छात्रों के रोजगार का रहेगा पूरा रिकॉर्ड
संस्थान की ओर से बनाए गए नए तंत्र में हर छात्र की प्लेसमेंट स्थिति और जॉइनिंग डिटेल्स दर्ज की जाएंगी।
अब तक विभाग के पास ऐसे छात्रों का कोई व्यवस्थित डेटा नहीं था, लेकिन अगले सत्र से प्रत्येक आईटीआई पास छात्र का रिकॉर्ड रखा जाएगा — ताकि यह पता चल सके कि किसने कहां नौकरी ज्वाइन की है।
सरकार का लक्ष्य – “हर आईटीआई छात्र को रोजगार”
इस पहल से न सिर्फ छात्रों को अच्छी ट्रेनिंग और बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि बिहार की तकनीकी शिक्षा और रोजगार दर में भी बड़ा सुधार होगा। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के हर आईटीआई पास छात्र को रोजगार उपलब्ध कराया जाए, चाहे वह देश में हो या विदेश में।