बिहार में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार ने नया अभियान शुरू किया है। श्रम संसाधन विभाग और ग्रामीण विकास विभाग मिलकर एक साझा कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। इसके तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा।
लक्ष्य – 12 लाख महिलाएं होंगी प्रशिक्षित
सरकार का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में 12 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण देना है। इसके लिए करीब 345 करोड़ 56 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। खास बात यह है कि इस योजना में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की भी मदद ली जाएगी, जिसने ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए वित्तीय सहयोग का आश्वासन दिया है।
डिजिटल मार्केटिंग से लेकर ड्रोन तकनीक तक ट्रेनिंग
इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही जीविका समूह से जुड़ी दसवीं, बारहवीं और स्नातक पास महिलाएं डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में ट्रेनिंग लेंगी। इसके अलावा पाठ्यक्रम में फूड इंडस्ट्री, आधुनिक कृषि, हेल्थकेयर, ड्रोन तकनीक, सप्लाई चेन, लॉजिस्टिक्स, वित्तीय प्रबंधन और ऑनलाइन सेवाएं शामिल की जा रही हैं।
लक्ष्य – ‘लखपति दीदी’ बनाना
सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और ‘लखपति दीदी’ की श्रेणी में शामिल हों। कौशल प्रशिक्षण से न सिर्फ उनकी कार्य क्षमता बढ़ेगी, बल्कि आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।