बिहार सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में अंचलों के नियमित निरीक्षण के लिए अधिकारियों का एक रोस्टर तैयार करें। इस रोस्टर के तहत एडीएम, एसडीएम और डीसीएलआर को क्रमवार जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी, ताकि अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखी जा सके।राजस्व और भूमि सुधार विभाग के इस कदम का उद्देश्य दाखिल-खारिज, परिमार्जन और अन्य राजस्व कार्यों के समाधान में तेजी लाना है। इसके अलावा, जमाबंदी से जुड़ी गड़बड़ियों की शिकायतों को भी प्राथमिकता के साथ निपटाने की व्यवस्था की जा रही है।
विभाग को समयसीमा के भीतर दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों के समाधान में देरी की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते अब हर महीने अंचल कार्यालयों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी रैंकिंग जारी की जा रही है।अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे दाखिल-खारिज मामलों की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई करें, ताकि कोई भी मामला लंबित न रहे और प्रक्रियाएं सुचारू रूप से पूरी हों। जिलाधिकारियों को अपनी प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करनी होगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कार्य सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और किसी भी समस्या का समय रहते समाधान किया जा रहा है।इसके साथ ही, यदि कोई अधिकारी तय समय सीमा के भीतर मामलों का निपटारा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।