बिहार में बैंक हड़ताल का दिखा असर, जिलों में बैंककर्मियों ने किया धरना प्रदर्शन

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। निजीकरण के विरोध में बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल का असर बिहार और यहां की जनता पर भी पड़ा। आलम ये रहा कि बाजार को नुकसान, ग्राहकों को परेशानी तो हुआ ही साथ ही एटीएम से पैसे निकालने वाले लोगों के बीच भी मायूसी देखी गई। कई जगह एटीएम मशीन में भी पैसे नहीं थे, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसका असर बिहार के करीब सभी जिलों में देखने को मिला। बैंकों में प्राइवेटाइजेशन करने के विरोध में बैंककर्मी धरना प्रदर्शन भी किया।

मोतिहारी में आक्रोश मार्च निकाला गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में बैंक कर्मी शामिल हुए। आक्रोश मार्च में शामिल महिला बैंककर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भागलपुर में मीडिया से बात करते हुए बैंक कर्मियों ने कहा कि सरकार ने नीजिकरण का जो प्रस्तावित बिल लाई है, वो कहीं से भी सही नहीं है। सभी बैंक कर्मियों ने एक सुर में निजीकरण का विरोध किया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन भागलपुर के कर्मियों ने केंद्र सरकार का विरोध करते हुए बैंक के निजीकरण प्रस्ताव को लेकर काफी नारेबाजी करते दिखे। बैंककर्मियों ने कहा कि निजीकरण से ग्रामीण बैंक की शाखाएं बंद हो जायेगी, कृषि ऋण में कमी आयेगी, उद्योग ऋृण के साथ-साथ शिक्षा ऋृण देने में भी कमी आयेगी। बैंककर्मियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर निजीकरण को नहीं रोका गया तो आगे भी हड़ताल जारी रहेगा।

मुंगेर में भी यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर करीब सभी बैंक के कर्मी दो दिनों तक हड़ताल पर रहे। इसमें जिले के सैकड़ों बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस हड़ताल का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा सरकारी बैंकों के निजीकरण के फैसले का विरोध करना है। बैंकों के हड़ताल के कारण एटीएम भी बंद रहे। इससे ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैंक से पैसा निकालने आए ग्राहक ने कहा कि रुपये की निकासी को लेकर इंडियन बैंक की मुख्य शाखा में आया था। लेकिन बैंक बंद रहने के कारण घर लौट रहा हूं। एक अन्य ग्राहक ने कहा कि परिवार का इलाज कराने के लिए रुपये निकालने पहुंचा था। बंद की जानकारी नहीं थी। ग्राहक आफताब आलम ने कहा कि बैंक बंद के साथ एटीएम भी बंद रहने से परेशानी हो रही है। पिछले पौने घंटे से बैंकों के एटीएम की खाक छान रहे है । पर कोई एटीएम खुला नहीं मिला ।

मोतिहारी से धर्मेन्द्र, भागलपुर से श्यमांनंद सिंह और मुंगेर से इम्तियाज खान की रिपोर्ट

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