NEWSPR डेस्क। बिहार में चारों तरफ आवाज उठ रही है कि जदयू और भाजपा में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। दोनों दलों के नेता अपने-अपने तरीके से इस मसले पर सफाई लगातार दे रहे हैं। वहीं राजद जो विपक्षी है वो पूरी तरह से चुप्पी साध कर बैठ गई है इसलिए शक को थोड़ा और बल मिलता दिखायी दे रहा है।
राजद हर छोटी बड़ी बातों पर नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़ी हो जाती है, आखिर उसके खेमे में ऐसी कौन सी मुसीबत आ गई कि उसने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है या फिर आम जनता की सोच पर मुहर लगनी बाकी है। बिहार में एनडीए की सरकार विकास के साथ रफ्तार पकड़े हुए है। बिहार में हो रहे विकास की पूरी दुनिया मुरीद है। बीच में आए आरसीपी प्रकरण ने तो बिहार की सियासत में भूचाल पैदा कर दिया है। कल तक आरसीपी नीतीश के खास राजदारों के साथ-साथ बाद में इन्हें नेता भी नीतीश ने बनाया।
फिर अचानक से हो रहे बदलाव में किस दांव पेंच ने नीतीश को आरसीपी पर मुहर लगाने से रोक रखा है और राजद इस पूरे प्रकरण में नेपथ्य में चली गई है। कोई कुछ बोलने का नाम नहीं ले रहा है। राजद की चुप्पी ने राजनीतिक पंडितों के आंकड़ों पर भी मुहर लगाना शुरु कर दिया है। अन्यथा नीतीश कुमार और राजद कुछ बोलने से परहेज क्यों कर रहे हैं और भाजपा है कि पशोपेश में फंसी हुई है। हालांकि भाजपा भी इसबार नीतीश को बहुत ज्यादा झेलने के मूड में नहीं है तभी तो आए दिन उन पर भाजपा का कोई न कोई नेता भड़ास निकालता ही रहता है। अब देखना यह दिलचस्प है कि नीतीश आखिर कौन सा कदम उठाते हैं।