मुंगेर में विश्वजीत हत्याकंडा का खुलासा, बेंगलुरु से पकड़ा गया अपराधी, हत्या करने के लिये फ्लाइट से आया था पटना, वापस फ्लाइट से ही गया… इस कारण से की थी हत्या

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के बड़ी मुढ़ेरी निवासी विश्वजीत हत्याकांड के नामजद आरोपी राजेश कुमार उर्फ कारू सिंह को मुंगेर पुलिस ने कर्नाटक के बेंगलरू से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के साथ ही हत्याकांड का भी खुलासा हो गया. सबसे हैरानी की बात है कि हत्या करने के लिए आरोपी फ्लाइट से पटना आया और वहां से सड़क मार्ग से खड़गपुर पहुंचा. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वह पुन: पटना पहुंचा और फ्लाइट से बेंगलरू चला गया.

मुंगेर में 6 अक्टूबर की रात हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के बड़ी मुढेरी निवासी रविंद्र कुमार सिंह का पुत्र विश्वजीत दीपांकर उर्फ बीडी की हत्या धारदार हथियार से गला रेत कर अपराधी ने कर दिया था. इस मामले में मृतक के पिता के बयान पर खड़गपुर थाना में कांड संख्या 328/21 दर्ज किया गया. जिसमें असरगंज थाना क्षेत्र के पुरुषोत्तमपुर चोरगांव निवासी राजेश कुमार उर्फ कारू सिंह को नामजद किया गया. एसपी जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने एसडीपीओ खड़गपुर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. जिसके अनुसंधान में राजेश की संलिप्ता मिली. जिसके बाद टीम को राजेश की गिरफ्तारी के लिए बेंगलरू भेजा गया. पुलिस टीम ने कर्नाटक राज्य के बेंगलरू सिटी के महादेवपुरा थाना क्षेत्र के गरूडाचार पाल्या से गिरफ्तार किया. कर्नाटक पुलिस ने मुंगेर पुलिस को गिरफ्तारी में भरपुर सहयोग किया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे लेकर कर्नाटक से मुंगेर पहुंची.

गिरफ्तार राजेश ने विश्वजीत हत्याकांड में अपनी संलिप्ता स्वीकार की और कहा कि वह अकेले इस हत्याकांड को अंजाम दिया. उसने बताया कि वह मैट्रिक पास कर आईटीआई किया था. उसकी बहन की शादी विश्जीत के चाचा से हुई थी. इसी कारण उससे मेरा उससे संपर्क हो गया. उसने नौकरी लगाने की बात कहते हुए रूपयों का डिमांड किया. बेरोजारी से तंग आकर मैंने अपनी जमा-पूंज और इधर-उधर से रूपया इकट्ठा कर कुल 12 लाख रूपया विश्वजीत को दिया. उसने मेरा सर्टिफिकेट भी रख लिया.

वह कई वर्षों तक नौकरी का इंतजार करता रहा लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगी. कई बार उसने रूपया एवं सर्टिफिकेट का मांगा. लेकिन वह हर बार टाल-मटोल कर देता था. जिसके कारण वह दूसरे नौकरी के लिए प्रयास भी नहीं कर पा रहा था. इसी बीच नौकरी की उम्र भी उसकी समाप्त हो गयी. रूपया नहीं लौटाने के कारण ही उसने हत्याकांड को अंजाम दिया. पुलिस अधीक्षक जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि नौकरी लगाने के नाम पर लिये गये 12 लाख रूपया नहीं लौटाने पर राजेश ने विश्वजीत की हत्या कर दी. . कांड के उद‍्भेदन के लिए टीम बनायी गयी. तकनिकी टीम द्वारा लगातार वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया और बेंगलरू से टीम उसे गिरफ्तार कर मुंगेर ले आयी.

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