BPSC में 16वां रैंक लाने वाली अंशु प्रिया के पिता की कहानी, बेटी की सफलता में किस तरह रोल मॉडल बने पिता, जानिए

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। मुंगेर के बासुदेवपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जेरबेहरा निवासी शिक्षक शैलेन्द्र कुमार शैलेन्द्र संदलपुर मिडिल स्कूल में हेडमास्टर के पद पर कार्यरत हैं। शिक्षा क्षेत्र में नाम कमाने वाले शैलेन्द्र की आज जिला में ही नहीं देश के कोने-कोने में चर्चा है। चर्चा भी क्यों न हो की एक शिक्षक की बेटी ने अपने पिता के बताए मार्ग पे चल पहले एमबीबीएस और अब आईएएस के परीक्षा में 16 रैंक ले आई ।

मुंगेर अंतर्गत आईटीसी जरबेहरा निवासी शिक्षक शैलेन्द्र कुमार के कार्य शैली को लेकर उनके स्कूल सहित उनके आसपास के लोग भी उनसे काफी लगाव रखते हैं। इस संदर्भ में यूपीएससी में 16वां रैंक लाने वाली अंशु प्रिया ने अपने पिता के बारे में बताते हुए कहा कि एक शिक्षक होने के नाते मेरे पिता पढ़ाने का काम करते हैं। मेरे पूर्वज भी शिक्षक ही थे।

उन्होंने अपनी पारिवारिक स्थिति को दर्शाते हुए बताया कि मेरे पिता एक होने के नाते उनके पास एक सिमित संसाधन था, जिसके अंदर घर-गृहस्थी सहित बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ अन्य ऐसे कई कार्य हैं जो उन्हें सिमित संसाधन में ही बेहतर रूप से संपन्न करना होता है। उन्होंने बताया कि शिक्षक होने के नाते वे अपने बच्चों को खुद शिक्षा देने के साथ विद्यालय में भी बच्चों को कुछ अलग तरीके से शिक्षा देते थे।

इस संदर्भ में शिक्षक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें एक पुत्र व एक पुत्री सहित छोटा सा परिवार है। बेटी बच्चे से ही पढ़ने में काफी ज्यादा तेज थी। उन्होंने अपने जीवन की कहानी बताते हुए कहा कि स्कूल का समय निकाल कर भी अपनी बेटी अंशु प्रिया को साइकिल से स्कूल पहुंचाया करते थे। बारिश हो या धूप हो उसी बीच बच्चों को स्कूल से जाकर लाते थे। जिस कारण मैंने भी प्रण किया कि यह जहां तक शिक्षा ग्रहण करना चाहेगी मैं उसे हर संभव को प्रयास करते हुए इसे शिक्षा दिलाकर एक मुकाम पर पहुंचाने का काम करूंगा।

मेरी बेटी अंशु प्रिया के प्रयास से आज मैं अपने आपको काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि उनका पुत्र इंजीिनयरिंग की तैयारी में जुटा हुआ है जल्द ही उसे भी सफलता मिलेगी। उन्होंने बताया की समय के उतार-चढ़ाव के साथ काफी दिक्कतें आई लेकिन कभी  भी इसका एहसास अपने बच्चों को नहीं होने दिया। हलांकि बच्चे समय के साथ-साथ बड़े होते गये और पिता की परेशानियों और जद्दोजोहद को भलिभांति समझने जरूर लगे।

बच्चे अपने माता-पिता के बलिदान और उनके प्रयासों को आखिरकार सफलता की उंचाईयां हासिल कर चुकाने का प्रयास जरूर कर रहे और आगे और बेहतर करने का दम्भ भी रखते हैं। मालूम हो कि कुछ वर्ष पूर्व एम्स मेडिकल में अपना झंडा बुलंद करने वाली अंशु प्रिया ने एम्स पटना में चिकित्सक के पद पर कार्यरत रहने के बावजूद यूपीएससी 2021 में 16 वां रैंक लाकर जिले को गौरवांवित किया। और इस उपलब्धी में सबसे बड़ा हाथ उसके पिता का ही है।

मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट

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