नहाय-खाय के साथ 4 दिनों का चैती छठ शुरू, जानें पूजा विधि व महत्व

Rajan Singh

DESK : छठ को आस्था का महापर्व कहा जाता है। यह पर्व मुख्यता बिहार में मनाया जाता है। इसके साथ ही इस पर्व की धूम देश से लेकर विदेश में भी दिखाई देती है। छठ का महापर्व कार्तिक मास में तो धूमधाम के साथ मनाते ही हैं, इसके अलावा चैत्र माह में भी छठ व्रत किया जाता है .

नवरात्रि पर्व के दौरान चैती छठ महापर्व शुरू हो रहा है. चैती छठ 16 अप्रैल से आरंभ होकर 19 अप्रैल तक चलेगा. यह पर्व चार दिन तक चलता है. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के दिन से होती है. आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है. यह पर्व चैत्र माह में और कार्तिक माह में मनाया जाता है.
चैत्र छठ का महत्व-
शास्त्रों के अनुसार छठी माता भगवान सूर्य की मानस बहन हैं। इसलिए छठ के व्रत में छठी मईया और सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है। यह व्रत महिलाओं के द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है। मान्यता के अनुसार छठी मईया संतान की रक्षा करती हैं। सूर्यदेव की उपासना से आरोग्यता प्राप्त होती है।

चैती छठ व्रत नियम और पूजा विधि
छठ पर्व 16 अप्रैल 2021 दिन शुक्रवार को चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय किया जाएगा. वहीं, 17 अप्रैल दिन शनिवार को पंचमी तिथि में लोहंडा या खरना होगा. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम में गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाकर सूर्य देव की पूजा करने के बाद इसी प्रसाद के साथ कुछ खाया जाता है.

छठ पर्व की तिथियां
नहाय-खाय तिथि: 16 अप्रैल 2021, शुक्रवार

खरना तिथि: 17 अप्रैल 2021, शनिवार

शाम के अर्घ्य की तिथि: 18 अप्रैल 2021, रविवार को

सुबह के अर्घ्य की तिथि: 19 अप्रैल 2021, सोमवार को

 

REPORT BY RIYA SINHA.

 

 

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