NEWSPR/DESK : कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षण से जुड़े सारे काम ऑनलाइन ही किये जा रहे हैं। ऐसे में झारखंड में ऐसे हजारों गरीब बच्चे हैं जिनके पास स्मार्टफोन ना होने की वजह से वह ऑनलाइन क्लास से वंचित रह जा रहे हैं। उन बच्चों की मदद के लिए झारखंड पुलिस एक नई पहल करने जा रही है। थाना स्तर पर अब उपकरण बैंक खोलने की तैयारी हो रही है। यहां आप घर में बेकार पड़े स्मार्ट फोन और लैपटॉप दान कर सकते हैं। इस लैपटॉप और मोबाइल को गरीब बच्चों में बांट दिया जायेगा।
गरीबों की बड़ी आबादी गैजेट से वंचित हैझारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि प्रदेश की बड़ी आबादी स्मार्ट फोन और लैपटॉप खरीदने में असमर्थ है। इसके लिए कम्यूनिटी पुलिसिंग के तहत थानों में स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए उपकरण बैंक खोले जाएंगे। जहां लोग घर में पड़े गैजेट दान कर सकेंगे, जिसे जरूरतमंदों बच्चों को दिया जायेगा। डीजीपी नीरज सिन्हा ने लोगों से भी अपील की है कि वो इस बैंक में घरों में बेकार पड़े स्मार्ट फोन और लैपटॉप जमा करें जिससे गरीब बच्चे उसके जरिए अपना भविष्य बना सकें।
डीजीपी ने सभी पुलिस थानों को दिया निर्देशडीजीपी नीरज सिन्हा ने पुलिस अधीक्षकों को यह सुझाव दिया है कि वह थाना स्तर पर उपकरण बैंक खोलें और आम लोगों को जागरूक करें। जमा किए प्रत्येक उपकरण का सनहा दर्ज हो। दर्ज सनहा में जमाकर्ता के नाम, पता, स्मार्टफोन का आईएमईआई नंबर, लैपटॉप का यूनिक पहचान नम्बर, जमा किए जाने की तिथि और समय अंकित किया जाए। सनहा की सत्यापित प्रतिलिपि उपकरण जमा करने वाले व्यक्ति को भी दी जाए। इससे वह संतुष्ट रहेंगे कि उपकरण का दुरुपयोग होने पर जमाकर्ता जिम्मेवार नहीं होंगे।
बच्चों में वितरित होगा स्मार्टफोन और लैपटॉपउपकरण बैंक संबंधी पहल को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया जायेगा, ताकि संचालन के समय अड़चनों के आधार पर आवश्यक सुधार हो सके। जब लैपटॉप और स्मार्टफोन बैंक में जमा हो जाएंगे, तब सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की अनुशंसा पर बच्चों को स्मार्ट फोन और लैपटॉप दिए जाएंगे।