चौथी बार हेमंत सोरेन को जान से मारने की मिली धमकी , जानिए अभी तक कहाँ पहुंची है पुलिसीया जांच

Patna Desk

NEWSPR/DESK : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर ई-मेल भेजकर धमकी दी गई है। सेक्रेटरी टू सीएम के ई-मेल पर यह जान से मारने की धमकी भरा मैसेज भेजा गया है। धमकी के साथ-साथ अपशब्द का भी प्रयोग किया गया है। रांची पुलिस ने सीएम को जान से मारने की धमकी के मामले में सिर्फ रंगदारी से संबंधित भारतीय दंड विधान की धाराएं 385387 जोड़कर अपना कोरम पूरा कर दिया। जान से मारने की धमकी से संबंधित IPC की धारा 506 जोड़ी ही नहीं गई।

बहरहाल, इस ई-मेल से धमकी भरे मैसेज के मामले में रांची पुलिस ने आइपी एड्रेस के आधार पर आरोपित विक्रम गोधराई को कर्नाटक से गिरफ्तार भी किया। रांची पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आरोपित को रांची लाया गया और उससे पूछताछ की गई। आरोपित विक्रम पेशे से साफ्टवेयर इंजीनियर है। वह मानसिक रूप से तनाव में आ गया था, जिसके चलते उससे यह गलती हो गई। उसने अपनी गलती स्वीकार ली है और भविष्य में ऐसा नहीं करने का वादा किया। इसके बाद पुलिस ने उसे बांड भरवाकर छोड़ दिया

आरोपित विक्रम गोधराई ए क्रॉस बीईएमएल, ले आउट, राजा राजेश्वरी नगर, बेंगलुरु, कर्नाटक का रहने वाला है। रांची के गोंदा थाने में दारोगा दीपक कुमार के बयान पर आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दारोगा दीपक कुमार को 28 मई 2021 को जांच के लिए एक सनहा मिला था। यह सनहा सेक्रेट्री टू सीएम को धमकी भरे ई-मेल से संबंधित था। धमकी भरा ई-मेल 25 मई को किया गया था। गोंदा थाने की पुलिस ने साइबर सेल से जांच कराई, तो आरोपित का एड्रेस कर्नाटक का मिला। गोंदा पुलिस ने उक्त ई-मेल की जांच, उसके आइपी एड्रेस, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जांच कराई थी। साइबर सेल रांची ने ई-मेल की जांच की, तो यह पता चला कि ई-मेल भेजने वाला व्यक्ति विक्रम गोधराई मुनेश्वर है, जो कर्नाटक का रहने वाला है। इसके बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई।

पूर्व में तीन बार ई-मेल से मुख्यमंत्री को दी जा चुकी है धमकी

– मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूर्व में ई-मेल से तीन बार धमकी दी जा चुकी है। गत वर्ष आठ व 17 जुलाई और इस साल 5 जनवरी को मुख्यमंत्री को धमकी दी गई थी। तीनों ही ईमेल से संबंधित आईपी ऐड्रेस का अब तक पता नहीं चल सका है। तीनों आईपी ऐड्रेस का सर्वर जर्मनी और स्विट्जरलैंड में है। तीनों ही मामलों का अनुसंधान सीआइडी कर रही है। अब तक तीनों ई-मेल से संबंधित आईपी ऐड्रेस और अपराधियों का पता नहीं चल सका है।

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