दानापुर में मंच से गरजे सीएम योगी: बिहार-यूपी का अटूट रिश्ता, राम-सीता जैसा जोड़

Jyoti Sinha

बिहार के चुनावी माहौल के बीच दानापुर विधानसभा में आज राजनीतिक हलचल देखने को मिली। भाजपा उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दानापुर पहुंचे और रामकृपाल यादव के समर्थन में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित किया। मंच पर रामकृपाल यादव ने सीएम योगी का अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया।

सभा के दौरान जब सीएम योगी ने भाषण शुरू किया, तो लोगों ने “भारत माता की जय” के नारे लगाकर माहौल को जोशीला बना दिया। सीएम ने कहा, “यह बिहार की आवाज़ है, इसे पूरे देश तक पहुँचाना है।” उन्होंने दानापुर की ऐतिहासिक महत्वता का जिक्र करते हुए कहा, “मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं उस धरती पर आया हूं, जो आर्यभट्ट की जन्मभूमि है।” भाषण में उन्होंने सम्राट अशोक, महात्मा बुद्ध और चाणक्य का भी स्मरण किया और बिहार की महान सांस्कृतिक विरासत को नमन किया। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच आत्मा और संस्कृति के अटूट रिश्ते पर भी जोर दिया और इसे भगवान राम और माता जानकी के संबंध से जोड़कर बताया। सभा में जयकारों और उत्साह का माहौल लगातार बना रहा।

सीएम योगी ने बिहार में 1990 से 2005 तक के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय जंगलराज और परिवारवाद हावी था। उन्होंने कहा कि उस दौर में बिहार, जो कभी ज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र था, उसे अपराध और अव्यवस्था की भूमि बना दिया गया। युवाओं के लिए पहचान का संकट खड़ा हुआ। उन्होंने कहा, “विकास के नाम पर सिर्फ अराजकता फैली, लेकिन पिछले 20 वर्षों में एनडीए सरकार ने बिहार को इस बदनाम छवि से बाहर निकाला है।”

सीएम ने आगे कहा कि बिहार में विकास की नई रफ्तार को तेज करने के लिए सभी को फिर से एकजुट होना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद, कांग्रेस और उनके सहयोगी दल इस विकास प्रक्रिया को बाधित करने के लिए ‘विकास बनाम गुर्गे’ की बहस शुरू कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि विपक्ष फर्जी मतदान को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है और विदेशी घुसपैठियों को बिहार के दलित, गरीब और नागरिकों के अधिकारों पर डकैती करने की छूट देना चाहता है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार सुरक्षित मतदान और पहचान पत्र के माध्यम से हर मतदाता की भागीदारी सुनिश्चित कर रही है, जबकि कांग्रेस और राजद इसके खिलाफ हैं।

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