पटना जंक्शन और राजेंद्र नगर टर्मिनल के बाहर एक अपराधी गिरोह सक्रिय है, जो सीधे-साधे रेल यात्रियों को अपने जाल में फंसाता है। ये अपराधी पहले यात्रियों से यह जानकारी लेते हैं कि वे कहां जाने वाले हैं, और फिर उन्हें उक्त स्थान पर छोड़ने का लालच देते हैं। जब कोई यात्री इनके झांसे में आ जाता है, तो ये उसे अपनी गाड़ी में लेकर रवाना होते हैं। लेकिन बीच रास्ते में ये इस प्रकार का धोखा देते हैं कि यात्री इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।हाल ही में एक घटना में, एक युवक ने छपरा जाने का झांसा देकर तारकेश्वर सिंह को निशाना बनाया। उन्होंने तारकेश्वर से 17,000 रुपये नकद, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य सामान लेकर फरार हो गए। तारकेश्वर सिंह छपरा के खैरा, रामपुर कला के निवासी हैं। वे साउथ बिहार ट्रेन से राजेंद्र नगर टर्मिनल पहुंचे, जहां एक युवक ने उनसे बात की और उनके घर का पता पूछा।
बाद में, उसने भी छपरा जाने का जिक्र किया और साथ चलने का प्रस्ताव रखा। तारकेश्वर इस प्रस्ताव को मान गए।इसके बाद, अपराधियों ने तारकेश्वर को कंकड़बाग थाने के पाटलिपुत्र स्टेडियम के निकट ले जाकर बताया कि उनके सामान की स्कैनिंग की जाएगी। इस बहाने उन्होंने तारकेश्वर का सारा सामान कार में रखवा लिया और खुद वहां से भाग गए। तारकेश्वर सिंह ने कंकड़बाग थाने में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई।एक अन्य मामले में, अररिया के राजेश कुमार के गले से करीब दो लाख रुपये की सोने की चेन चोरी कर ली गई। राजेश ने पुलिस चेकिंग का बहाना बनाकर ऑटो से उतरने के बाद अपनी चेन खो दी। वे अररिया के जवाहर नवोदय विद्यालय के कर्मी हैं और जब वे पटना आए थे, तो चिरैयाटांड़ पुल के नीचे ऑटो से यात्रा कर रहे थे। वहां पहले से मौजूद सवारियों के बीच एक और सवारी ने भी ऑटो में प्रवेश किया। कुछ दूरी तय करने के बाद, चालक ने कहा कि आगे पुलिस की चेकिंग है, इसलिए सभी को उतरना होगा। राजेश कुमार जब उतरे, तो ऑटो चालक वहां से भाग गया और कुछ देर बाद उन्हें पता चला कि उनकी तीन तोला सोने की चेन गायब हो गई है।