लोकतंत्र की मजबूती के लिए साइकिल रैली: पटना में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत 9 किमी तक चला संदेश

Jyoti Sinha

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पटना जिला प्रशासन मतदाता जागरूकता को लेकर सक्रिय हो गया है। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से रविवार, 12 अक्टूबर 2025 को जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी के निर्देश पर स्वीप (SVEEP) कार्यक्रम के तहत एक विशाल साइकिल रैली का आयोजन किया गया।

9 किलोमीटर की साइकिल रैली से दिया जागरूकता का संदेशयह रैली सुबह 6 बजे जे.पी. गंगापथ स्थित रोटरी गोलंबर से शुरू होकर लगभग 9 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कृष्णा घाट पर समाप्त हुई। प्रतिभागियों को सुबह 5:30 बजे तक रैली स्थल पर उपस्थित होना था।जिलाधिकारी ने बताया कि इस रैली का मुख्य उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, नए मतदाताओं, दिव्यांगजनों और समाज के सभी वर्गों को मतदान के महत्व के प्रति जागरूक करना है ताकि वे लोकतंत्र की मजबूती में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।

युवा और साइक्लिस्ट बने अभियान के ब्रांड एम्बेसडर-

डीएम ने कहा कि साइक्लिस्ट और युवा वर्ग इस अभियान के ब्रांड एम्बेसडर बनकर अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करें। रैली में स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राएं, एनसीसी-एनएसएस कैडेट, सरकारी कर्मचारी और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए।सुचारू संचालन के लिए विभागों को मिली जिम्मेदारीरैली के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने कई विभागों को विशेष जिम्मेदारियां सौंपीं।जिला शिक्षा, खेल, कला-संस्कृति और कल्याण विभाग को आपसी समन्वय में काम करने के निर्देश दिए गए।पुलिस अधीक्षक (यातायात) को मार्ग पर पर्याप्त ट्रैफिक पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।सिविल सर्जन को पूरे मार्ग पर एम्बुलेंस और चिकित्सकों की टीम की व्यवस्था करने को कहा गया।नगर कार्यपालक पदाधिकारी को सफाई और अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था का निर्देश मिला।पीएचईडी विभाग को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वाटर टैंकर और वाटर एटीएम लगाने को कहा गया।वहीं, पटना सदर के अनुमंडल पदाधिकारी को भीड़ और यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई।

66% मतदान दर का लक्ष्य-

जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार प्रशासन का लक्ष्य है कि पटना जिले का मतदान प्रतिशत 66% तक पहुंचे। इसके लिए प्रशासन ने सभी हितधारकों, संगठनों और नागरिकों से सक्रिय सहयोग की अपील की है।यह साइकिल रैली केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता का प्रतीक बनकर उभरी।

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