NEWSPR डेस्क। बिहार पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को पटना पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया है। सब इंस्पेक्टर के ऊपर फ्रॉड का केस दर्ज था। उसने जमीन बेचने के नाम पर 26.60 लाख रुपया लिया था, लेकिन जमीन का एग्रीमेंट होने के बाद न तो उसने जमीन रजिस्ट्री की और न ही रुपया वापस किया। जिस कारण रुपया देने वाला शख्स परेशान हो गया और उसने 5 अक्टूबर को थाना में सब इंस्पेक्टर समेत दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करा दिया था।
यह मामला पटना के बेउर थाना का है। शनिवार को इस केस में पुलिस टीम ने छापेमारी की और सब इंस्पेक्टर अनिल प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया। अनिल प्रसाद वैशाली जिले के एसपी के गोपनिय शाखा का रीडर भी रह चुका है। किसी मामले में यह पहले से ही सस्पेंड चल रहा है।
दरअसल, नालंदा के रहने वाले रामजी प्रसाद बेउर इलाके के ही एक जमीन को खरीदना चाहते थे। इसके लिए इनकी डील अनिल प्रसाद उर्फ अनिल यादव से हुई थी। रामजी प्रसाद ने हर पेमेंट चेक के जरिए बैंक अकाउंट में की थी। इस डील से जुड़ा हुआ हर सबूत उनके पास था। यही वजह है कि अनिल प्रसाद गिरफ्तार कर लिए गए। खुद को बचाने के लिए हर कोशिश उन्होंने की तो थी, पर कामयाब नहीं हो पाए।
बेगूसराय में शराब मामले में ओपीध्यक्ष व दारोगा निलंबित
बेगूसराय में शराबबंदी कानून के पालन में शिथिलता बरतने के आरोपी दो पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है। आरोपियों में एक मंझौल ओपीध्यक्ष सुबोध कुमार व दूसरे दारोगा सुरेश कुमार हैं। इनपर शराब बरामदगी मामले में अभियुक्त को छोड़ने का आरोप है।
मंझौल ओपीध्यक्ष सुबोध कुमार
एसपी अवकाश कुमार ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि तीन दिन पूर्व मंझौल पुलिस ने छापेमारी के दौरान ओपी क्षेत्र से शराब बरामद किया था। इस मामले में अधिकारी द्वारा शराब धंधेबाज के फरार होने की बात कही गयी थी। जांच के दौरान उक्त छापेमारी से संबंधित विवरण स्टेशन डायरी में अंकित नही किया गया था। साथ ही ये लोग अन्य मामलों में भी दोषी पाए गए हैं।