भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सदन में उठी मांग, जदयू सांसद ने…

Patna Desk

बाल्मीकि नगर से जदयू सांसद सुनील कुमार ने आज संसद में भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की पुरजोर मांग उठाई। प्रश्नकाल के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भोजपुरी करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ी हुई भाषा है, और इसे संवैधानिक मान्यता मिलनी चाहिए।भोजपुरी भाषा का समृद्ध इतिहास और व्यापक प्रभावसांसद सुनील कुमार ने अपने वक्तव्य में बताया कि भोजपुरी न केवल बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बोली जाती है, बल्कि नेपाल में भी इसे आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। यह भाषा अपनी समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपरा के लिए जानी जाती है।

उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा को लंबे समय से आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है।केंद्रीय गृह मंत्री से अपीलसांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया कि भोजपुरी भाषा को सम्मान दिलाने के लिए इसे जल्द से जल्द आठवीं अनुसूची में जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल भाषा का सम्मान नहीं, बल्कि 9 करोड़ भोजपुरी भाषी लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा।उन्होंने सदन में यह भी उल्लेख किया कि भोजपुरी को मान्यता दिलाने की यह मांग नई नहीं है, बल्कि यह मुद्दा वर्षों से लंबित है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस विषय पर जल्द फैसला लिया जाए ताकि भोजपुरी भाषा को उसका उचित स्थान मिल सके।

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