NEWSPR डेस्क। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए 90 पायलटों पर बोइंग विमान उड़ाने से रोक लगा दिया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने सिम्युलेटर ट्रेनिंग में विसंगतियों का पता लगने के बाद यह कदम उठाया। ये सभी पायलट स्पाइसजेट में काम करते है। उसने कहा है कि इन पायलटों को उचित प्रशिक्षण की जरूरत है। बेहतर ट्रेनिंग के बाद ही ये पायलट विमान उड़ा सकेंगे।
इस मामल में डीजीसीए के डीजी अरुण कुमार के बताया कि इस कथित चूक के बाद एयरलाइन का पायलट प्रशिक्षण भी नियामक की जांच के दायरे में है।
स्पाइसजेट के बेड़े में वर्तमान में 13 बोइंग मैक्स 737 विमान हैं। इनमें से 11 का संचालन कंपनी कर रही है। कंपनी का कहना है कि 11 विमानों (MAX) के संचालन के लिए लगभग 144 पायलटों की जरूरत है। स्पाइसजेट के पास फिलहाल मैक्स के लिए 560 ट्रेन्ड पायलट हैं। यानी 90 पायलटों पर रोक लगने से उसके संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बोइंग 737 विमान कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। लायन एयर और इथियोपियन एयरलाइंस B737 MAX क्रमशः अक्टूबर 2018 में लायन एयर और मार्च 2019 में इथियोपियन एयरलाइंस के विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। इन हादसों में 346 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद बोइंग को तमाम देशों ने प्रतिबंधित कर दिया था। भारत में 13 मार्च 2019 से इसकी सेवाएं बंद थीं। एक साल पहले इसके सॉफ्टवेयर में बदलाव के बाद भारत समेत कई देशों ने इसे फिर से उड़ान भरने की मंजूरी दी।