पटना, बिहार में इमरजेंसी सेवा डायल 112 को और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। अब हर चारपहिया वाहन पर तीन शिफ्टों में कुल 18 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। प्रत्येक टीम में एक दारोगा या जमादार के साथ पांच सिपाही शामिल होंगे।
अभी तक औसतन एक वाहन पर चार जवान ही तैनात रहते थे।तीन शिफ्टों में होगी तैनातीपुलिस मुख्यालय के अनुसार, जवानों को तीन शिफ्टों (8-8 घंटे) में ड्यूटी पर लगाया जाएगा, ताकि 24 घंटे निर्बाध सेवा दी जा सके। इसके तहत हाल ही में बहाल हुए सिपाहियों और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानों को डायल 112 की टीम में शामिल किया जाएगा।पहले होगा संसाधनों का मूल्यांकनइससे पहले, प्रत्येक जिले में उपलब्ध संसाधनों और बल का आंकलन किया जाएगा, ताकि जहां आवश्यकता हो वहां अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा सके। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) पंकज दराद ने जानकारी दी कि डायल 112 राज्यभर में पहले से ही प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है, और अब इसे और भी मजबूत और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जाएगा।दो वर्षों में 22 लाख लोगों को मिली मददडायल 112 सेवा की विश्वसनीयता और तत्परता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो वर्षों में 22 लाख से अधिक लोगों को सहायता उपलब्ध कराई गई है। औसतन, सूचना मिलते ही पुलिस टीम 15 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच रही है।
कॉल रिस्पॉन्स के मामले में बिहार पुलिस की यह सेवा देशभर में दूसरे स्थान पर है।हर दिन 5 हजार लोग ले रहे लाभवर्तमान में रोजाना औसतन 5,000 लोग इस सेवा का लाभ ले रहे हैं। वर्ष 2025 तक 15 लाख और 2026 तक 20 लाख से अधिक जरूरतमंदों को सेवा देने का लक्ष्य रखा गया है। डायल 112 की टीमें सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर चोरी, गुमशुदगी और झगड़ों की स्थिति में भी त्वरित कार्रवाई कर रही हैं।24 घंटे, हर जिले में उपलब्धराज्य के सभी जिलों में डायल 112 सेवा 24 घंटे सक्रिय है और इसे और सुदृढ़ करने के लिए जवानों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा, जिससे वे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत और प्रभावशाली ढंग से कार्रवाई कर सकें।