NEWSPR डेस्क। बड़ी खबर नालंदा जिले के कोरय और मनियामा गांव से आ रही है। जहां पिट्ठा(भोजन) खाने से एक परिवार पर आफत आ गई। फूड प्वाइजनिंग की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य लोग बीमार हैं, जिनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि एक और बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि देर रात परिवार ने पिट्ठा खाया था, जिसके बाद 12 लोग बीमार पड़ गये, जिसमें 5 बच्चे शामिल थे। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान इनमे से एक बच्चे की मौत हो गई।
वइस घटना के बारे में राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता सुरेश यादव ने बताया कि विनोद मिस्त्री के घर में पिट्ठा(भोजन) बना था। जिसका सेवन घर के कई सदस्य और आसपास के लोगों ने किया था। खाने के तुरंत बाद ही सभी को पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। जिसके बाद आनन-फानन में ग्रामीणों के द्वारा सभी को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सभी का इलाज चल रहा है। वहीं इस घटना के बाद ग्रामीण के द्वारा तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पूरे बिहार में हिंदी महीना के पूस माह में पिट्ठा बनाने के अलग सी परंपरा है। वही इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि सभी बच्चों ने पुराना चावल से बने पिट्ठा का सेवन किया था जिसके कारण बच्चे बीमार पड़े। फिलहाल यह मामला फूड प्वाइजनिंग का लग रहा है। दो बच्चे को गंभीर हालत में पावापुरी रेफर किया गया है। इन्ही में से एक बच्चे की मौत हुई है।
नालंदा से ऋषिकेश की रिपोर्ट…