भागलपुर पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के फेब्रिकेटेड वार्ड में परिजन व डॉक्टरों के बीच जमकर झड़प हो गई, बीते दिन रविवार को यह बवाल कैंसर पीड़िता की मौत के बाद हुआ, पीड़िता के परिजनों ने डॉक्टर के चैंबर में घुसकर की मारपीट, डॉक्टर ने फिर अन्य साथियों को बुलाकर परिजनों को बन्द कमरे में पीटा, अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों और अस्पताल अधीक्षक ने बीच बचाव कर मामला कराया शांत दरअसल मुंगेर दरियापुर निवासी वीणा देवी (54) लंग्स कैंसर से पीड़ित थी, रविवार को सुबह मायागंज अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जिसके बाद परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया, उसके बेड का ऑक्सीजन सप्लाय बन्द हो गया था, जिससे वीणा देवी की मौत हो गयी, परिजनों ने बताया कि नर्स के द्वारा प्राइवेट में जाने की सलाह दी गयी थी, डॉक्टर ने दूसरे स्टाफ को बुलाने को कहा।
जेएलएनएमसीएच में कई दफा इस तरह का मामला सामने आया है। जहां नर्सों और डॉक्टरों की लापरवाही सामने आते ही प्रबंधन गोल मटोल बातकर मामले से पल्ला झाड़ लेता है बीते दिन अस्पताल में जब कैंसर पीड़िता वीणा देवी ने दम तोड़ दिया तो परिजनों ने जमकर बवाल काटा, इस दौरान अस्पताल के अंदर ही हाथापाई भी शुरू हो गई। परिजनों ने पहले दो पीजी डॉक्टर पर हाथ चलाया, उन्हें मारने के लिए स्टूल तक उठा लिया, इतना ही नहीं पानी का फिल्टर तोड़ा और डॉक्टरों का टेबल भी उठाकर पटक दिया, इसके बाद डॉक्टर ने कॉल करके अपने साथियों को बुलाया और पूरे परिजनों को कमरे में बंद कर पीट दिया मृतका वीणा देवी के बेटे प्रिंस सिंह ने अस्पताल प्रबंधन पर यह आरोप लगाया है कि उसकी मां को आईसीयू में बेड नहीं दिया गया, ऑक्सीजन भी खत्म हो गया था जिस वजह से माँ की मौत हो गई, उसने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ डॉक्टरों ने हम लोगों को घेर कर एक कमरे में बंद कर दिया और वहां पर हमें खूब मारा, मेरी बहन और पत्नी को पेट में पैर से मारा, मेरे छोटे भाई को साइकिल की चेन से मारा, वहीं उनलोगों के द्वारा मेरे जीजा को आंख में मारा गया जिससे उनका चश्मा टूट कर आंख के बगल में धस गया, जब पुलिस पहुंची तब हम लोगों को छोड़ा लापरवाही से मेरी मां की मौत हुई थी तो हमलोगों का गुस्सा तो जायज था घटना को लेकर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर के के सिन्हा ने बताया कि कैंसर पीड़ित महिला की अस्पताल में मौत के बाद हंगामा किया गया, हमारे डॉक्टर पर ही हमला कर दिया, गया सूचना पर हम लोग पहुंचे और मामले को शांत कराया। मरीज की मौत लापरवाही से नहीं हुई है उन्हें इलाज मिला है। ऑक्सीजन की कमी से मौत होती तो बाकी मरीजों की भी मौत होती। हालांकि अब झड़प का यह मामला तूल पकड़ने लगा है।