NEWSPR डेस्क। आईजीआईएमएस पटना के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने एक अत्यंत जटिल और दुर्लभ ट्यूमर का सफल ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया है।
सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि बेगूसराय निवासी लगभग 60 वर्षीय एक अधेड़ मरीज पेट फूलना, अपच और लगातार डकार आने जैसी समस्याओं से पीड़ित था। मरीज को प्रारंभिक उपचार के बाद बेगूसराय के चिकित्सकों ने आईजीआईएमएस, पटना रेफर कर दिया। मरीज जब ओपीडी में पहुंचा तो उसकी विस्तृत जांच की गई, जिसके बाद सीटी स्कैन कराया गया।
जांच रिपोर्ट में मरीज के पेट के भीतर एक विशाल ट्यूमर की पुष्टि हुई। यह ट्यूमर पेट की महत्वपूर्ण धमनियों और नसों के अत्यंत निकट स्थित था, जिससे ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और अन्य गंभीर जोखिम की संभावना बनी हुई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉ. मंडल ने कार्डियोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन और निश्चेतना विभाग से समन्वय स्थापित कर एक विशेष रणनीति के तहत ऑपरेशन की योजना बनाई।
तीन घंटे तक चले इस अत्यंत जटिल ऑपरेशन के दौरान चिकित्सकों की टीम ने अद्भुत कौशल और अत्याधुनिक तकनीक का परिचय दिया। ऑपरेशन में जो ट्यूमर निकाला गया, वह देखने में सिर, गर्दन और धड़ जैसी संरचना वाला प्रतीत हो रहा था। ट्यूमर का वजन लगभग 8 किलोग्राम था और यह छोटी आंत, बड़ी आंत के साथ-साथ पेट की प्रमुख धमनियों और नसों से खतरनाक रूप से जुड़ा हुआ था। अत्यधिक सावधानी और सटीकता के साथ इस ट्यूमर को पूरी तरह सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया।
डॉ. मंडल ने बताया कि यह ट्यूमर अत्यंत दुर्लभ श्रेणी का है, जो विश्व स्तर पर बहुत कम मामलों में पाया जाता है। ऐसे ट्यूमर का निदान और उपचार चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती माना जाता है। इस सफल ऑपरेशन ने न केवल मरीज के जीवन को बचाया, बल्कि भविष्य में ऐसे दुर्लभ मामलों के उपचार के लिए नई उम्मीद भी जगाई है। इस जटिल शल्यक्रिया को डॉ. मनीष मंडल के नेतृत्व में डॉ. साकेत कुमार, डॉ. अभिमन्यु, डॉ. दानिश और डॉ. सुगीत ने अंजाम दिया, जबकि निश्चेतना विभाग से डॉ. नितिन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।