औरंगाबाद सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा मिले लगभग दस वर्ष से अधिक हो चूका है मगर यहां के कर्मियों की कार्यशैली में सुधार होता नहीं दिख रहा है। शायद मैनेजमेंट या फिर अस्पताल का प्रबंधन देखने वाले सिविल सर्जन भी यहां की व्यवस्था को सुधारने के फिक्रमंद नहीं लगते। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के पुरुषब्वर्द के शौचालय के पास नॉर्मल स्लाइन के दर्जनों बोतल ऐसे फाई फेक दिए गए है।जबकि उनकी एक्सपायरी डेट भी समाप्त नहीं है। बोतल में अंकित एक्सपायरी डेट वर्ष 2028 का दिख रहा है। स्पष्ट है कि यहां पदस्थापित कर्मियों में घोर लापरवाही दिख रही है।
बिहार के सभी जिलों के अस्पतालों की चिकित्सीय एवं दवाइयों के वितरण की व्यवस्था सुधारने को लेकर सरकार लाख प्रयास कर रही है। मगर जब अस्पताल के अधिकारी ही कार्य के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे तब तक व्यवस्था में सुधार नहीं आ सकती। ऐसी स्थिति सदर अस्पताल में फेंके गए नॉर्मल स्लाइन बोतल से समझा जा सकता है। वही इस संदर्भ में पैगाम ए इंसानियत के जिलाध्यक्ष सल्लू खान ने बताया कि सदर अस्पताल की व्यवस्था बिल्कुल ही चरमरा गई है। अस्पताल में कही कूड़े का अंबार दिखता है तो कही बिना एक्सपायरी की नॉर्मल स्लाइन की बोतल खुलेआम फेंक दिए जा रहे है। मरीजों को बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ रही है। हो सकता है कि दवाईयां भी यहां फेंक दी जा रही हो यह अधिकारियों के जांच से ही पता चल पाएगा।