बिहार सरकार ने प्रदेश के स्कूली ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में करीब 15 हजार पदों पर नियुक्ति को हरी झंडी दे दी गई है। इस बहाली के दायरे में पुस्तकालयाध्यक्ष, विद्यालय लिपिक और परिचारी जैसे अहम पद शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं को रोजगार देने की दिशा में सरकार की यह एक अहम पहल मानी जा रही है। शिक्षा विभाग से जुड़े इन पदों के लिए तीन नई नियमावलियों को भी मंजूरी दी गई है।
📚 14 साल बाद पुस्तकालयाध्यक्षों की बहाली
राज्य के उच्च माध्यमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति लगभग 14 वर्षों बाद की जा रही है। इसके लिए ‘बिहार विद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष नियमावली 2025’ लागू की गई है।
इन पदों पर बहाली बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से की जाएगी। पात्रता के तौर पर स्नातक डिग्री में न्यूनतम 45% अंक अनिवार्य होंगे, जबकि आरक्षित वर्गों के लिए 5% की छूट दी गई है।
🗂️ लिपिक और परिचारी पदों पर भी नियुक्ति
विद्यालय लिपिक और परिचारी के पदों के लिए भी अलग-अलग नियमावली तैयार की गई है –
- बिहार राज्य विद्यालय लिपिक नियमावली 2025
- बिहार राज्य विद्यालय परिचारी नियमावली 2025
इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया दो भागों में विभाजित होगी –
- 50% पदों पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की जाएगी,
- जबकि शेष 50% पर सीधी बहाली आयोग या चयन समिति के माध्यम से होगी।
अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा संपन्न कराई जाएगी।
🏫 राज्य के किस-किस प्रकार के स्कूलों में होगी नियुक्ति?
ये बहालियां प्रदेश के सभी प्रकार के स्कूलों में की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
- प्राथमिक,
- मध्य,
- माध्यमिक,
- उच्च माध्यमिक,
- राजकीयकृत विद्यालय,
- प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय,
- उत्क्रमित और नवस्थापित विद्यालय।
यदि किसी शिक्षक या कर्मचारी की सेवा काल में मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर लिपिक या परिचारी पद दिया जाएगा।