बिहार सरकार ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ‘मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना’ के तहत 15,995 करोड़ रुपये के अनुदान को स्वीकृति दी गई। यह राशि पिछले वर्ष के मुकाबले 652 करोड़ रुपये अधिक है। इस कदम से पटना समेत पूरे राज्य के 67 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का फायदा मिलेगा।1 अप्रैल से बिजली सस्तीसरकारी अनुदान की मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से बिजली की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की कमी कर दी गई है। अकेले पटना में 6.22 लाख उपभोक्ता इस राहत के दायरे में आएंगे। हालांकि अप्रैल महीने में उपभोक्ताओं से पुरानी दर पर बिल वसूला गया है, जिसे मई में बैलेंस क्रेडिट के रूप में समायोजित कर वापस किया जाएगा।
ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत-
अब तक ग्रामीण उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक खपत पर 7.42 रुपये प्रति यूनिट देना पड़ता था, जिसमें 5.45 रुपये की सब्सिडी मिलती थी। नई व्यवस्था के तहत अब उन्हें सिर्फ 1.97 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा।
वहीं, 50 यूनिट से अधिक खपत पर पहले 7.96 रुपये प्रति यूनिट लिए जाते थे, अब यह घटकर 2.45 रुपये प्रति यूनिट रह गया है, यानी सीधे तौर पर 54 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिली है।शहरी उपभोक्ताओं को भी फायदाशहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी राहत का ऐलान किया गया है। अब 100 यूनिट तक की खपत पर 4.12 रुपये प्रति यूनिट भुगतान करना होगा, जबकि पहले दर 7.42 रुपये थी और उस पर 3.30 रुपये की सब्सिडी मिलती थी। 100 यूनिट से अधिक खपत पर अब 5.52 रुपये प्रति यूनिट देना होगा, जो पहले 8.95 रुपये (3.43 रुपये की सब्सिडी के बाद) था।सिर्फ प्रीपेड उपभोक्ताओं को लाभपटना के कुल 7.38 लाख उपभोक्ताओं में से 6.22 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को ही दरों में कटौती का लाभ मिलेगा। वहीं 1.16 लाख पोस्टपेड उपभोक्ताओं को इस राहत का फायदा नहीं मिलेगा।कोल्ड स्टोरेज संचालकों को भी राहतकृषि उत्पादों के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज अब सिर्फ 55 पैसे प्रति यूनिट की दर पर बिजली का उपयोग कर सकेंगे। राज्य सरकार ने कृषि उपभोक्ताओं के लिए 92% तक का अनुदान उपलब्ध कराया है, जिससे भंडारण लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।
अतिरिक्त वसूली की होगी वापसी-
पटना में अप्रैल माह के दौरान पुरानी दरों पर वसूले गए 2.78 करोड़ रुपये मई में उपभोक्ताओं को वापस किए जाएंगे। मार्च महीने में पटना में कुल 17.88 करोड़ यूनिट बिजली का बिल तैयार हुआ था, जिसमें से घरेलू, एनडीएस और एलटीआईएस उपभोक्ताओं ने लगभग 60% बिजली की खपत की थी।ऊर्जा मंत्री का बयानऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से बिहार विद्युत विनियामक आयोग लागत आधारित दरें तय कर रहा था। अब सरकार ने सीधे उपभोक्ताओं को अनुदान देकर दरों में राहत पहुंचाई है। बिजली की लागत में बढ़ोतरी के बावजूद सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली सुनिश्चित की है।