NEWSPR डेस्क। कोरोना महामारी में हर दिन स्वास्थ्य विभाग और इससे जुड़े संगठनों की लापरवाही की तस्वीर आए दिन सामने आती रही है. कहीं स्ट्रेचर की तो कहीं बेड नहीं है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है पूर्णिया से जहां कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके शव को जेसीबी शे ले जाकर दफनाया गया. इस तस्वीर ने मानवता को भी शर्मसार कर दिया है.
दरअसल, अमौर रेफरल अस्पताल के नजदीक फुटपाथ पर मचाननुमा एक चौकी पर बेलगच्छी का रहने वाला एक 60 वर्षीय वृद्ध बीमार हालत में पांच दिनों से लेटा था. वह घूम-घूमकर मांग कर खाता था. अस्वस्थ हालत में देख लोगों ने इसकी द्वारा सूचना स्थानीय अस्पताल प्रबंधन को दी.
अस्पताल प्रबंधन ने 27 मई को वृद्ध की कोरोना जांच कराई थी. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे अमौर के बेलगच्छी के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान बीते शनिवार की सुबह आठ बजे उसकी मौत हो गई. पंचू यादव का दुनिया में कोई नहीं था इसलिए अस्पताल प्रशासन ने कागजी प्रक्रिया के बाद स्थानीय प्रखंड पदाधिकारी व अंचलाधिकारी के समक्ष पंचू यादव के शव को प्लास्टिक में लपेट कर एनजीओ को दे दिया. एनजीओ के लोग शव को जेसीबी मशीन के आगे रखकर ले गए. अब उसकी तस्वीर वायरल हो रही है.
वहीं दूसरी ओर एनजीओ की ओर से शव को दफनाने की चर्चा भी हो रही है क्योंकि पंचू यादव हिंदू थी और अंतिम संस्कार की जगह उसे दफना दिया गया. गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना पॉजिटिव के शव को जलाने या तफनाने की जिम्मेदारी एनजीओ को दे रखी है. अमौर के कोविड केयर सेंटर में जो एनजीओ काम कर रही है उनके पास दो एंबुलेंस हैं. बावजूद जेसीबी से शव ले जाया गया.
मामला सामने आने के बाद पूर्णिया के सिविल सर्जन संतोष कुमार वर्मा ने कहा कि जांच की जा रही है. बेलगच्छी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. एहतामामूल हक को शो-कॉज नोटिस जारी कर दिया गया है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.