एक्साइज पुलिस बन गई शराब माफिया! उत्पाद इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक गैंग में शामिल!

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By PR Desk

बिहार में एक बार फिर से उत्पाद पुलिस का शऱाब के धंधा में शामिल होने का खुलासा हुआ है। एक्साइज पुलिस ही शराबबंदी वाले राज्य में शराब माफियाओं के सरदार बन बैठी है। NEWS PR आज खुलासा कर रहा है पटना के ग्रामीण इलाकों में शराब कारोबार के खेल की। एक्साइज पुलिस और शराब माफिया के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है।

एक्साइज का एसआई करीम खान जो कि वैशाली एक्साइज में कार्यरत हैं। वह शऱाब माफियाओं से मिल कर धंधा कर रहा है। वायरल ऑडियो में वह बता रहा है कि वेतन से उनका पेट नहीं चलता है, इसीलिए तकरीबन 40 साल से अवैध कमाई कर रहे हैं। आपको बता दें कि शराब माफिया विनोद राय नौबतपुर थाना इलाके के गोनवा़ँ गांव के रहने वाला है। सरकारी वर्दी वाला माफिया शराब तस्करी करने वाले विनोद राय से मुलाकात कर धंधा के बदले पैसे की बात कर रहा है।

साक्ष्य के रूप में एक वीडियो भी सामने आई है। जिसमें शराब माफिया विनोद राय और उत्पाद विभाग के एसआई करीम खान तस्वीरों में साफ-साफ दिख रहा है। एक ऑडियो में एक्साइज के ही शमशाद अंसारी और शराब माफिया की बातचीत है। जिसमें वह कहता नजर आ रहा है कि उसके रहते पटना में शराब तस्करी कोई और नहीं कर सकता है। साथ ही करीम खान से मुलाकात और केस मैनेज की बात भी कह रहा है। ऑडियो में एक शराब माफिया जो जेल में है। उसकी भी बात की जा रही है कि किस तरीके से उसके संरक्षण में शराब तस्करी का खेल करता है।

वीडियो और ऑडियो से साफ पता चल रहा कि शमशाद अंसारी जो कि सिपाही के पद पर गया में कार्यरत है और दूसरा करीम खान जो कि वैशाली जिले में इंस्पेक्टर के पद पर है वह इस धंधा में लगा है। शऱाब माफिया विनोद राय का आरोप है कि इस गैंग की बागडोर शैलेंद्र कुमार जो कि पटना उत्पाद विभाग में अधिकारी है वह संभालता है। तीनों के मिलीभगत से ही राजधानी पटना में शराब की तस्करी होती है।

सीएम नीतीश की शराबबंदी वाले राज्य में एक्साइज पुलिस खूब माल बटोर रही है। उत्पाद विभाग के दारोगा से लेकर अन्य कर्मी दोनों हाथों से माल बटोरने में जुटे हैं। ऐसा लग रहा कि अब बिहार की एक्साइज पुलिस पूरी तरीके से शराब माफिया में परिणत हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही कहते हों कि बिहार में शराबबंदी सफल है लेकिन हकीकत यही है कि पुलिस-उत्पाद विभाग दोनों हाथ में पैसा वसूल रहे हैं।

शराबबंदी के बाद तो एक्साइज पुलिस की चलती हो गई है। अफसरों की दिन-दूनी रात चौगुनी तरक्की हो रही है। एक्साइज के अफसर शराब का धंधा बंद करने और चालू रखने के नाम पर खूब माल बटोर रहे। ऐसे में बड़ा सवाल है कि यह कैसी शराबबंदी है जहां पैसा सरकारी खजाना में नहीं बल्कि सरकारी कर्मियों के पैकेट में जा रहा?

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