भोजपुरी की मशहूर स्टेज स्टार बिजली रानी का निधन, भोजपुरी जगत में शोक की लहर

Jyoti Sinha

भोजपुरी संगीत और स्टेज परफॉर्मेंस की जानी-मानी नृत्यांगना बिजली रानी का शुक्रवार शाम निधन हो गया। लगभग 65 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके प्रशंसक और स्टेज के साथी कहते हैं कि जितनी ऊर्जा और “बिजली” उन्होंने मंचों पर फैलाई, आज वही दिल उनके जाने से सन्न हैं।

स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ
बिजली रानी पिछले कई महीनों से गुर्दे की गंभीर बीमारी (किडनी फेलियर) से जूझ रही थीं। सासाराम सदर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। कुछ महीने पहले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह उन्हें लखनऊ बुलाकर उपचार करवाने में मदद कर चुके थे। पवन सिंह उन्हें स्नेहपूर्वक “चाची” कहा करते थे। इसके अलावा, बिहार सरकार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी इलाज में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था।

मंच पर बिजली रानी की धूम
नटवर गांव की रहने वाली बिजली रानी ने 80-90 के दशक में भोजपुरी मंचों पर ऐसा जलवा बिखेरा कि लोग कहते थे—“जहाँ बिजली रानी है, वहाँ महफ़िल में रौशनी है।” उनकी मधुर आवाज़ और आकर्षक अदाएं दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती थीं। भोजपुर, शाहाबाद और मगध के कोने-कोने में उनके चाहने वालों की भीड़ रहती थी। शादियों, मेलों और स्टेज शो में उनकी उपस्थिति कार्यक्रम की शान माना जाता था।

भोजपुरी सिनेमा और संगीत में योगदान
बिजली रानी ने कई भोजपुरी फिल्मों और म्यूजिक वीडियो में अपनी छाप छोड़ी। उनकी गायकी और मंच कला ने भोजपुरी लोक-संगीत को नई पहचान दी। वे केवल कलाकार नहीं, बल्कि उस समय की मंच की असली “मालकिन” थीं। उनके कला में लोक और लय का ऐसा संगम था जो सीधे दिलों तक पहुँचता था।

अंतिम विदाई
बीमारी के बावजूद अंतिम समय तक उनका मंच और कला के प्रति प्रेम और जज़्बा बरकरार रहा। शनिवार को नटवर गांव में उनकी शवयात्रा निकली, जहां पूरा क्षेत्र उन्हें नम आँखों से विदा कर रहा था। उनकी बेटी रेखा रानी अंत तक उनके साथ रही।

भोजपुरी जगत आज एक चमकते सितारे को खोने का ग़म मना रहा है। वह सितारा जिसने रोशनी और ऊर्जा फैलाई, लेकिन जीवन की अंतिम बेला में शांत हो गई।

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