सीमा पर शहीद हुए बिहार के सपूत मो. इम्तियाज को अंतिम सलामी, गांव में बनेगा स्वास्थ्य केंद्र और स्मृति द्वार

Patna Desk

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात छपरा जिले के गड़खा प्रखंड स्थित जलालबसंत पंचायत के नारायणपुर गांव के जवान मोहम्मद इम्तियाज वीरगति को प्राप्त हो गए। उनके शहीद होने की खबर से पूरे गांव और जिले में शोक की लहर दौड़ गई। बीते दिन उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया, जहां उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद शहीद के गांव पहुंचे और उनके परिजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश को ऐसे बहादुर सपूत पर गर्व है, जिन्होंने देश की सेवा में प्राणों की आहुति दी। मुख्यमंत्री ने शहीद इम्तियाज की शहादत को यादगार बनाने के लिए कई घोषणाएं कीं। इनमें गांव में एक उप-स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना, शहीद के छोटे बेटे को सरकारी नौकरी, गांव तक पक्की सड़क का निर्माण, और शहीद के नाम पर एक प्रवेश द्वार का निर्माण शामिल है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे शोक जताने-

इससे पहले आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी शहीद के गांव का दौरा किया था। उन्होंने शहीद के परिवार से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा था कि जब देश की रक्षा की बात आती है, तो बिहार के सपूत सबसे आगे खड़े होते हैं। उन्होंने शहीद के नाम पर एक अस्पताल बनाने की मांग भी की थी, जिसे मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। दौरे के दौरान तेजस्वी ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव से भी फोन पर शहीद के परिवार की बात करवाई।

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