पटना: बिहार में लगातार हो रही मूसलधार बारिश अब कहर बनकर टूट रही है। राज्य की प्रमुख नदियाँ जैसे गंगा, सोन और सरयू उफान पर हैं, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार दोनों इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनती जा रही है। सैकड़ों गांवों की आबादी प्रभावित हो चुकी है, जबकि कई लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं।
सोन नदी के तटवर्ती गांवों में हालात भयावह
दक्षिण बिहार के रोहतास जिले में सोन नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से एक दर्जन से अधिक गांवों में दो हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। तिलौथू, नौहट्टा और रोहतास प्रखंडों के निचले इलाकों में नदी का पानी घुस चुका है। लोग खुद को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य में SDRF की टीमें भी जुटी हुई हैं।
सारण में सरयू नदी का कहर, संपर्क टूटा
सारण जिले में सरयू नदी के उफान से बड़हरा महाजी, चकिया, कुतुबपुर, सबलपुर, सुरतपुर जैसे गांवों में हालात बिगड़ गए हैं। करीब 4 हजार की आबादी प्रभावित हुई है और 350 से अधिक लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। आरा-छपरा पुल से संपर्क भी देर रात से कट गया, और लोग कमर तक पानी में चलकर बाहर निकलने को मजबूर हैं।
औरंगाबाद का गांव पानी में घिरा
औरंगाबाद के गोह प्रखंड का टकौरा गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर चुका है। प्रशासन वहां राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
पटना में जलजमाव से निपटने की तैयारी तेज
पटना में गंगा का जलस्तर 49.70 मीटर तक पहुंच चुका है। इसके चलते दीघा नहर, खानपुर, और बरमुत्ता के स्लुइस गेट बंद कर दिए गए हैं ताकि शहर में बाढ़ का पानी न घुसे। नगर निगम द्वारा 56 स्थायी और 35 अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन (DPS) से जलनिकासी की व्यवस्था की जा रही है। विशेष रूप से उन इलाकों में जहां भारी जलजमाव की आशंका है, वहां अस्थायी पंपिंग स्टेशन लगाए गए हैं।
प्रशासन अलर्ट पर, निगरानी जारी
राज्य सरकार ने सभी आपदा प्रबंधन इकाइयों को सतर्क कर दिया है। नदियों के बढ़ते जलस्तर पर लगातार निगरानी की जा रही है और प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं।