NEWSPR डेस्क। दिल्ली पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य उपयुक्त निर्दिष्ट क्षेत्रों में चीतों की निगरानी के लिए एक कार्य दल का गठन किया है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) चीता टास्क फोर्स के कामकाज को सुगम बनाएगा और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। टास्क फोर्स दो साल की अवधि के लिए गठित किया गया है। यह टास्क फोर्स एक उपसमिति नियुक्त कर सकती है जो उनके द्वारा तय समय पर उन क्षेत्रों का नियमित रूप से दौरा करेगी जिनमें इन चीतों को छोड़ा गया है।
चीतों को यहां ला कर छोड़ा जाना मूल चीता आवासों और उनकी जैव विविधता के संरक्षण के लिए तैयार एक प्रोटोटाइप या मॉडल का हिस्सा है। इससे जैव विविधता के क्षरण और तेजी से नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी। एक शीर्ष शिकारी जीव को वापस ला कर यहां बसाने से ऐतिहासिक विकासवादी संतुलन पुनः स्थापित होगा जिसका इकोसिस्टम के विभिन्न स्तरों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। चीता को वापस लाने से इनके संरक्षण की दिशा में व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। चीता एक ऐसा जीव है जो गति के मामले में भारतीय मृगों और गज़ेलों को भी पीछे छोड़ देता है। चीता को फिर से बसाकर हम न केवल इसके शिकार आधार को बचाने में सक्षम होंगे जिसमें से कुछ प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं बल्कि घास के मैदानों की अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों और खुले वनों के इकोसिस्टम को भी बचाने में सक्षम होंगे। इनमें से कुछ विलुप्त होने के कगार पर हैं।
टास्क फोर्स का गठन किया गया है ताकि:
क. चीता के स्वास्थ्य की समीक्षा, प्रगति और निगरानी के साथ-साथ एकांतवास और सॉफ्ट रिलीज बाड़ों का रख-रखाव किया जा सके, पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति, वन और पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा परिभाषित प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जा सके तथा भारत में चीता की स्थिति, उनके समग्र स्वास्थ्य, व्यवहार और उनके रख-रखाव के संबंध में एनटीसीए तथा मध्य प्रदेश वन विभाग को सलाह दी जा सके।
ख. कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के शिकार कौशल और अनुकूलन की निगरानी की जा सके।
ग. चीता को एकांतवास से सॉफ्ट रिलीज बाड़ों और फिर संरक्षित घास के मैदानों व उसके बाद खुले वन क्षेत्र में छोड़ने की निगरानी करें।
घ. इको-टूरिज्म के लिए चीता संरक्षित वन क्षेत्र को खोलने और इस संबंध में नियम सुझाने का काम करे।
ङ. कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य संरक्षित क्षेत्रों के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास पर सुझाव और सलाह दे।
च. चीता मित्रों और स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता बढ़ाने और क्षेत्र विशेष में चीतों के संरक्षण में उन्हें शामिल करने के लिए उनके साथ नियमित तौर पर संवाद करें।
टास्क फोर्स के सदस्यों में शामिल हैं:
1. प्रमुख सचिव (वन), मध्य प्रदेश
2. प्रमुख सचिव (पर्यटन), मध्य प्रदेश
3. प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, मध्य प्रदेश
4. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन, मध्य प्रदेश
5. श्री आलोक कुमार, सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन, मध्य प्रदेश
6. डॉ. अमित मलिक, महानिरीक्षक, एनटीसीए, नई दिल्ली
7. डॉ. विष्णु प्रिया, वैज्ञानिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून
8. श्री अभिलाष खांडेकर, सदस्य एमपी एसबीडब्ल्यूएल, भोपाल
9. श्री सुभोरंजन सेन, एपीसीसीएफ- वन्यजीव- सदस्य संयोजक।