Gandhi Jayanti 2021 : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती, जे डी यू- ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने दी श्रद्धांजलि, शेयर करें बापू के अनमोल विचार

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 152वीं जयंती है. इस मौके पर जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने बापू को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा कि गांधी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, गांधी एक विचार है. बापू निस्वार्थ, भाव, सत्य, अहिंसा और राष्ट्रवाद के जिंदा मिसाल हैं। पूज्य बापू के जीवन मूल्य हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे. उनके विचार आज भी शास्वत और प्रासंगिक है। गांधी जी की उन्हीं विचारों को स्मरण में लाते हुए संजीव श्रीवास्तव ने बापू को नमन किया ।

देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती (Mahatma Gandhi Jayanti) मना रहा है. आज ही के दिन 1869 में गुजरात के पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था. सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। 2 अक्टूबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 15 जून 2007 को महात्मा गांधी के सम्मान में दो अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया जिससे अब गांधी जयंती को दुनिया के अन्य देश अहिंसा दिवस के रूप में मनाई जा रही है। अहिंसा के बल पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर करने वाले महात्मा गांधी का पूरा जीवन ही प्रेरणा से भरा हुआ है.  गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी के अनमोल विचारों को शेयर करें। महात्मा गांधी के अनमोल और प्रेरक विचार किसी भी व्यक्ति का जीवन बदल सकते हैं।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनमोल विचार :

-व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
-काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
-हम जिसकी पूजा करते हैं, उसी के समान हो जाते हैं।
-प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
–जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
–जो चाहे वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन सकता है, वह सबके भीतर है।
–पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है।
– स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है खुद को औरों की सेवा में लगा देना।
– आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है, जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
-शांति का मार्ग सत्य का मार्ग है, सत्यता, शांतिमयता से भी अधिक महत्वपूर्ण है, वस्तुतः झूठ हिंसा का जनक है।

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