बिहार: युवाओं का अद्भूत पर्यावरण संरक्षण मुहिम, साइकिल पर बनाया जल रथ, प्रतिदिन ढाई सौ लीटर पानी रख पहाड़ी पर पौधों को कर रहे सिंचित

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। “काटोगे जब हरी बृक्ष तो हवा कहां से पाओगे” गीत से गुलजार हो रही है इन दिनों गया शहर के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित ब्रह्मयोनी पहाड़ की वीरान वादियाँ. जहां सुबह सवेरे लोग जल रथ (साइकिल) पर डिब्बों में भरी पानी को पहाड़ की कठिन चढ़ाई चढ़ते हैं और पेड़ पौधों को सिंचित करते हैं। साइकिल में लगे साउंड सिस्टम से बजने वाले पर्यावरण संरक्षण के गीत पर लोग झूमते नजर आते हैं।

इस भीषण गर्मी में पहाड़ चढ़ना वैसे ही बहुत कठिन कार्य है लेकिन इन युवाओं के जज्बे ने यह दिखा दिया है कि भले ही डगर कठिन हो, मगर हौसले बुलंद है, तो कोई भी कार्य आसान हो जाता है। दरअसल इस पहाड़ को बिना पेड़ वाला पहाड़ कहा जाता था। शहर के नजदीक होने के कारण लोग सुबह की सैर करने इधर आते हैं। एक दो लोगों ने पहाड़ पर पेड़ लगाने और उन्हें पानी देने की शुरूआत की। देखा देखी और लोग जुड़ने लगे और अब पर्यावरण संरक्षकों की पूरी टीम तैयार हो गयी। इस मुहिम के तहत पहाड़ पर सैकड़ों पेड़ लगाए जा चुके हैं। उनकी घेराबंदी की गयी है। नई तकनीक का सहारा लेते हुए सिंचित करने का उपाय भी किया गया है।

इस पर्यावरण संरक्षण कार्य में लगे स्थानीय अशोक कुमार का कहना है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से कई लोग मारे गए। ऐसे में हमलोगों ने यह ठाना कि जिस पहाड़ी पर टहलने आते हैं, वहां क्यों ना पेड़ लगाया जाए। हमारे ग्रुप में लगभग 3 सौ लोग जुड़े हैं। उन सभी लोगों से बातचीत की गई। धीरे-धीरे लोग तैयार हो गए और अब अच्छी खासी हम लोगों की संख्या है। रोजाना अहले सुबह हम लोग अपने घरों से 5 लीटर, 2 लीटर और 1 लीटर का बोतल पानी भरकर निकलते हैं और साइकिल पर बनाए गए जल रथ पर रखकर पहाड़ पर चढ़ते हैं।

इस दौरान पर्यावरण संरक्षण को लेकर गीत संगीत भी साउंड सिस्टम के माध्यम से बजाया जाता है। जिससे लोगों के बीच जागरूकता होती है। उन्होंने बताया कि इस मुहिम में वन विभाग भी सहयोग कर रहा है। पौधों और जाली की व्यवस्था वन विभाग के द्वारा की गई है। पानी को हम लोग पहाड़ पर स्थित पौधों में डालते हैं। जिसके बाद अब यह हरे-भरे होने लगे हैं। इतना ही नहीं सड़क के किनारे लगे पौधों को भी हम लोग पानी देने का कार्य करते हैं।

वहीं स्थानीय निवासी डॉ. वैभव प्रकाश बताते हैं कि पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखने और ऑक्सीजन की कमी ना हो इसे लेकर हम लोगों ने यह शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि आगामी माह में 500 वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्य में हम से जुड़े लोग विगत 10 और 15 सालों से लगे हुए हैं. कुछ लोगों ने हाल ही में शुरुआत की है। जल रथ द्वारा संगीत के माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता का संदेश हम लोग देते हैं। प्रतिदिन ढाई सौ लीटर पानी जल रथ के माध्यम से ब्रह्मयोनि पहाड़ी पर लाया जाता है और पौधों को सिंचित किया जाता है। इस अनोखी पहल को लेकर गया शहर के कई क्षेत्रों से लोग भी जुड़ने लगे हैं।

गया से मनोज की रिपोर्ट

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