Google claims: नए आईटी नियम उसके सर्च इंजन पर लागू नहीं होते

Patna Desk

Patna Desk: सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए भारत सरकार की नई गाइडलाइन लागू हो गई है. कुछ दिनों तक हुए बवाल के बाद सभी सोशल मीडिया कंपनियों ने नए नियम को अपने प्लेटफॉर्म पर लागू कर लिया है. इसी बीच गूगल ने कहा है कि भारत सरकार के नए नियम सर्च इंजन पर लागू नहीं होते हैं.

बहुत काम के हैं गूगल के ये 10 ट्रिक्स, क्या आपको है मालूम?- know about 10  google tricks which can shake your mind

गूगल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि उसके मामले को अलग से देखा जाए. गूगल ने अपनी याचिका में कहा है कि वह एक सर्च इंजन है ना कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, इसलिए उसके ऊपर नए कानून लागू नहीं होते. गूगल की इस याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

What is information technology or IT? Definition and examples

गूगल एलएलसी ने दावा किया कि डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के नियम उसके सर्च इंजन पर लागू नहीं होते और दिल्ली हाईकोर्ट से बुधवार को अनुरोध किया कि वह एकल न्यायाधीश के उस आदेश को दरकिनार करे, जिसके तहत इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री हटाने संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी पर भी इन नियमों को लागू किया गया था. एकल न्यायाधीश की पीठ ने उस मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया था, जिसमें एक महिला की तस्वीरें कुछ बदमाशों ने अश्लील (पॉनग्रैफिक) सामग्री दिखाने वाली एक वेबसाइट पर अपलोड कर दी थीं और उन्हें अदालत के आदेशों के बावजूद वर्ल्ड वाइड वेब से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका था और इन तस्वीरों को अन्य साइट पर फिर से पोस्ट किया गया था.

प्रधान न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, अश्लील सामग्री दिखाने वाली (पॉर्नग्रैफिक) साइट और उस महिला को नोटिस जारी किए, जिसकी याचिका पर एकल न्यायाधीश ने आदेश जारी किया था. पीठ ने उनसे 25 जुलाई तक गूगल की याचिका पर अपना अपना जवाब देने को कहा. अदालत ने यह भी कहा कि वह इस चरण अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी.

गूगल ने दावा किया है कि एकल न्यायाशीश ने 20 अप्रैल के अपने आदेश में नए नियम के अनुसार ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ’ या ‘महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ’ के तौर पर उसके सर्च इंजन का ‘‘गलत चित्रण” किया. उसने याचिका में कहा, ‘एकल न्यायाशीश ने याचिकाकर्ता सर्च इंजन पर नए नियम 2021 गलत तरीके से लागू किए और उनकी गलत व्याख्या की. इसके अलावा एकल न्यायाधीश ने आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं और विभिन्न नियमों को समेकित किया है और ऐसे सभी आदेशों एवं प्रावधानों को मिलाकर आदेश पारित किए है, जो कानून में सही नहीं है.’

Share This Article