राजगीर में भव्य भूटानी मंदिर का उद्घाटन, भारत-भूटान मैत्री का नया प्रतीक

Jyoti Sinha

NALANDA :

गुरुवार का दिन नालंदा के लिए यादगार बन गया, जब भूटान के प्रधानमंत्री दशा टोबगे ने राजगीर की पंच पहाड़ियों के बीच बने भव्य भूटानी मंदिर का शुभारंभ किया। मंदिर के उद्घाटन के साथ ही पूरे परिसर में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण छा गया। इस अवसर पर भूटान से आए बौद्ध अनुयायियों ने पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और भगवान बुद्ध के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।

समारोह में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील सिंह, भूटान के वरिष्ठ अतिथि जेई खेनपों, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

भारत-भूटान रिश्तों का प्रतीक

भूटान से आए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह मंदिर न केवल आस्था का स्थल है, बल्कि भारत और भूटान के गहरे दोस्ताना संबंध और सांस्कृतिक साझेदारी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नालंदा सदियों से ज्ञान और अध्यात्म का केंद्र रहा है और राजगीर जैसे ऐतिहासिक स्थल पर भूटानी मंदिर का निर्माण दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ करेगा। इस मौके पर भूटानी कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

“भारत हमेशा देता है शांति का संदेश” – किरण रिजिजू

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि राजगीर और बोधगया जैसी पावन धरती पर कदम रखते ही हर व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान बुद्ध के विचारों और संदेश को पूरी दुनिया तक पहुँचाने के लिए संकल्पित हैं।

रिजिजू ने याद दिलाया कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में भी स्पष्ट संदेश दिया था कि भारत युद्ध नहीं, बल्कि बुद्ध का मार्ग दिखाने वाला देश है। उन्होंने कहा कि यह धरती सनातन संस्कृति और बुद्ध की विरासत का प्रतीक है, जो विश्व को शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देती रही है और आगे भी देती रहेगी।

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