NEWSPR डेस्क। काशी स्थित ज्ञानवापी में शिवलिंग का मिलना और मस्जिद पक्षकार एवं धूर्त सेकुलर राजनेताओं के पक्ष का यह कहना कि यह शिवलिंग नहीं फव्वारा है। उसी के जवाब में हिन्दू पक्ष के वकील ने कहा कि फव्वारे और शिवलिंग में अन्तर हमें अच्छी तरह पता है। हिन्दू पक्ष के वकील ने कहा कि फव्वारा होता तो वह पानी के अन्दर नहीं बाहर होता, जो पानी भरने के बाद साफ दिखाई देता।
यंहाँ तो पानी भरने के बाद पूरी तरह ढक जाता है। दूसरी बात यह कि यदि यह शिवलिंग फव्वारा होता तो उसके नीचे पाइप का कनेक्शन होता, वो नहीं है। फव्वारा होता तो शिवलिंग के उपर छेद होता, लेकिन हमने शिवलिंग के उपर एक पतली लकड़ी डालने की कोशिश मुस्लिम पक्ष की मौजूदगी में की तो वह लकड़ी ज्यादा अन्दर तक नहीं जा सकी। शिवलिंग पर हथोड़े से प्रहार किया गया है, इसलिए वो उपर से टूटा है।
मुस्लिम पक्ष से पूछा भी गया कि यदि यह फव्वारा है तो इसका कनेक्शन कहाँ है, तो उन्होंने कहा यह चालू नहीं है। यह मुगल शासको ने बनवाया था। तभी मौके पर मौजूद हिन्दू पक्षकारों ने कहा बिना कनेक्शन फव्वारा कैसे और वो भी पानी के नीचे। हिन्दू पक्ष के वकील ने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने इस हौदे के पानी को खाली कराने मे काफी विवाद किया था, क्योंकि उनको पता था कि इसमे शिवलिंग है।
ज्ञानवापी शिवलिंग के अलावा तथाकथित मस्जिद में कई हिन्दू देवी देवताओं के चित्र भी मौजूद हैं। मस्जिद की दीवारों पर बाहर और अन्दर दोनों तरफ संस्कृत में श्लोक हैं। तहखाने में मंदिर के गुम्बद है और जो मस्जिद का गुम्बद है। वो मन्दिर के पिलर पर अलग से बनाया गया है। अन्दर के गुम्बद है, वो अलग है और बाहर जो गुम्बद है वो अलग है।
हिन्दू पक्ष ने कहा कि वो कोर्ट मे अपील करेगा कि शिवलिंग के आसपास खुदाई कराई जाए। मुस्लिम समुदाय जो कह रहा है कि यह शिवलिंग एक फव्वारा है तो उनसे इसके कनेक्शन की जानकारी ली जाये। यह फव्वारा है तो इसे चलाकर मस्जिद कमेटी के लोग दिखाये, अगर फव्वारा चलता है तो हम शिवलिंग से दावा छोड़ देंगे। इन प्रत्यक्ष साक्ष्यों के बावजूद वही मुस्लिम पक्ष सर्वे के विडीयो ओर फोटो सार्वजनिक ना हो इस पर रोक लगाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट गया है।