कैमूर,भारतमाला परियोजना के अंतर्गत वाराणसी—रांची—कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के लिए जिला कैमूर की विभिन्न अंचलों में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा निर्धारण को लेकर कई किसानों द्वारा आपत्ति दर्ज कराते हुए आर्बिट्रेटर न्यायालय, पटना प्रमंडल में वाद दायर किए गए थे। किसानों की मांग एवं उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए आयुक्त सह आर्बिट्रेटर, पटना प्रमंडल द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 14 मई 2025 (बुधवार) को अपराह्न 2:00 बजे से इन वादों की एक साथ 48 मौजों की सुनवाई कैमूर समाहरणालय स्थित जिला पदाधिकारी न्यायालय कक्ष में की जाएगी।उक्त सुनवाई में आयुक्त सह आर्बिट्रेटर स्वयं उपस्थित रहेंगे और अधिग्रहित भूमि के मुआवजा दरों में सुधार से संबंधित रैयतों की आपत्तियों पर सुनवाई करेंगे। उन्होंने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, कैमूर को स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी संबंधित रैयतों को व्यक्तिगत रूप से अथवा अधिवक्ता के माध्यम से निर्धारित तिथि व समय पर उपस्थित रहने की सूचना उपलब्ध कराई जाए।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में किसानों को अपने वादों की पैरवी हेतु पटना जाकर उपस्थिति दर्ज करनी पड़ती थी, जिससे उन्हें आर्थिक, मानसिक व समयगत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसे देखते हुए विगत छह माह से आर्बिट्रेटर न्यायालय के मामलों की सुनवाई कैमूर समाहरणालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से कराई जा रही थी। अब वादों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए आयुक्त महोदय ने स्थल पर उपस्थित होकर मामलों की सुनवाई करने का निर्णय लिया है, जो कि निश्चित रूप से किसानों के लिए एक राहतकारी कदम है।जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने जानकारी दी है कि 14 मई को सुनवाई हेतु सूचीबद्ध 48 मोजों में आने वाले सभी रैयतों को नोटिस भेजा जा चुका है एवं उन्हें अपने वाद में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का अधिकार है।
रैयत स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से सुनवाई में भाग ले सकते हैं। साथ ही, जिन रैयतों ने अब तक वाद दायर नहीं किया है, वे भी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार, आयुक्त सह आर्बिट्रेटर पटना प्रमंडल द्वारा दिन के प्रथम सत्र में जिला स्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक की जाएगी एवं अपराह्न में भूमि अधिग्रहण से संबंधित वादों की न्यायालयीन सुनवाई की जाएगी। उनके इस निर्णय एवं दौरे से किसानों में सकारात्मक उत्साह देखा जा रहा है। किसानों को उम्मीद है कि इस सुनवाई से उनके मुआवजा संबंधी मामलों का त्वरित और न्यायोचित समाधान प्राप्त होगा।जिला प्रशासन कैमूर द्वारा सुनवाई को सुचारु रूप से संपन्न कराने हेतु सभी आवश्यक प्रशासनिक एवं तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।