महाकुंभ में श्रद्धालुओं की गिनती और ट्रैकिंग के लिए हाई-टेक सिस्टम तैयार

Patna Desk

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सटीक गिनती और ट्रैकिंग को आसान बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। Integrated Command and Control Center (ICCC) में टेक्निकल टीम हेडकाउंट मॉडलिंग पर काम कर रही है, जिससे मेले के दौरान आने वाले लोगों की सटीक संख्या का पता लगाया जा सके।

टर्नअराउंड साइकिल पर नजर

श्रद्धालुओं की बार-बार गिनती न हो, इसके लिए टर्नअराउंड साइकिल को मॉनिटर किया जा रहा है। यह समयावधि उस औसत समय को दर्शाती है जो एक तीर्थयात्री घाट क्षेत्र में बिताता है। इसे ट्रैक करने के लिए तीन प्रमुख तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है:

  1. एट्रिब्यूट आधारित खोज: पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरों का उपयोग कर तीर्थयात्रियों को ट्रैक किया जाएगा।
  2. आरएफआईडी रिस्ट बैंड: सभी श्रद्धालुओं को एक RFID रिस्ट बैंड दिया जाएगा, जिससे उनके मेला क्षेत्र में प्रवेश और निकास का समय रिकॉर्ड किया जा सकेगा।
  3. मोबाइल एप: श्रद्धालुओं की सहमति से उनके जीपीएस लोकेशन का उपयोग करते हुए मोबाइल एप के माध्यम से उनकी मूवमेंट को ट्रैक किया जाएगा।

डाटा सैंपलिंग और अनुमान

कोचरन्स फॉर्मूला का उपयोग कर नॉन पीक दिनों (20 लाख) और पीक दिनों (10 करोड़) की अनुमानित संख्या के आधार पर सैंपल काउंट किया जा रहा है।

तीन विधियों से प्राप्त आंकड़ों का औसत लेकर टर्नअराउंड साइकिल का सटीक अनुमान लगाया जाएगा।

95 प्रतिशत सटीकता का लक्ष्य

श्रद्धालुओं की संख्या का सटीक अनुमान लगाने के लिए एआई कैमरों का वृहद उपयोग किया जा रहा है। ये कैमरे हर मिनट डाटा अपडेट करेंगे और विशेष रूप से घाट क्षेत्र में सुबह 3 बजे से शाम 7 बजे तक एक्टिव रहेंगे, जो स्नान का प्रमुख समय होता है।
इस तकनीक का उपयोग पहले माघ मेले में किया गया था, जहां 95 प्रतिशत तक सटीकता हासिल हुई थी।

सुरक्षा और प्रबंधन में मदद

इस अत्याधुनिक हेडकाउंट सिस्टम के जरिए श्रद्धालुओं की संख्या, उनके ठहरने की अवधि, और उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आसान होगा। इससे महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

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