NEWSPR डेस्क। आज हिंदी दिवस के मौके पर सेंट जेवियर्स कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कवि और फिल्म समीक्षक कुमार विमलेन्दु सिंह ने कहा कि हिंदी सिनेमा में कविता अब उस तरह यात्रा नहीं कर रही, जिस तरह वह बीते जमाने की फिल्मों में करती थी।
वहीं कार्यक्रम का आयोजन जेवियर पोएट्री क्लब की ओर से किया गया था। इस अवसर पर कार्यवाहक रेक्टर फादर मार्टिन पोरस एसजे, प्रिंसिपल फादर टी निशांत एसजे, फैकल्टी के सदस्य और छात्र मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन विकास कुमार सिंह और प्रांजलि ने किया।
कुमार विमलेन्दु सिंह ने कहा कि हिंदी में डब किए गए सिनेमा या तो अंडर-एक्सप्रेशन या ओवर-एक्सप्रेशन से प्रभावित हैं, जहां कविता के लिए कोई जगह नहीं है।“कविता आज हिंदी सिनेमा में यात्रा नहीं कर रही है क्योंकि मुख्य पात्रों में आमतौर पर नकारात्मक गुण होते हैं। जब पात्र फिर से उच्च नैतिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करने लगेंगे, तो कविता भी यात्रा करना शुरू कर देगी।
भारतीय सिनेमा के इतिहास का जिक्र करते हुए श्री सिंह ने कहा कि दादा साहब फाल्के की फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ के दिनों से लेकर अब तक यह काफी लंबा सफर तय कर चुका है। उन्होंने कहा, “आज का सिनेमा विभिन्न कला रूपों का मिश्रण है।” इससे पहले, कॉलेज के छात्रों- कृति, सृष्टि, रितु, ईशा सोलोमन, अंजलि रॉय, अभय कुमार सिंह और अंशुमान आर्य- ने महिलाओं की स्थिति, दहेज और देशभक्ति जैसे विषयों पर अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया।