मुंगेर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर पहाड़ की तराई में बसा मनोरम दृश्य वाला ऋषि कुंड के गर्म जल के पानी मैं स्नान करने के लिए पहुंचने लगे हैं सैलानी। यहां के पहाड़ों में हरियाली की छठा बिखेरती ऋषि कुंड अपने गर्भ में रामायण काल की धर्म गाथा समेटे हुए हैं।
तपो स्थल के रूप में मशहूर होने के साथ-साथ पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है यही कारण है कि ऋषि महात्मा से लेकर हर उम्र के लोग यहां आते हैं ऐसी मान्यता है । खास कर ठंड के मौसम में यहां सैलानियों का आना बदस्तूर चालू रहता है । जानकारों के अनुसार यहां के गर्म जल में स्नान करने से कई तरह की रोग दूर होती है पहाड़ की तराई से निकलने वाला गर्म जल पीने के भी काम होती है। लोग अपने परिवार दोस्तों के साथ ठंड के मौसम में यहां पहुंचते हैं और गर्म पानी का लुफ्त उठाते हैं। नए साल के मौके पर भी यहां मुंगेर से ही नहीं बल्कि मुंगेर के आस पास के जिलों के भी लोग यहां गर्म पानी में स्नान करने पहुंचते है । साथ ही अब इस ऋषिकुंड को नया पहचान मिलने वाला है राज्य सरकार के द्वारा इसे पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित करने को ले कार्य योजना को धरातल में उतारने की तैयारी चल रही है।