NEWSPR डेस्क। कहते हैं कि जब इच्छा शक्ति हो तो आदमी कुछ भी कर सकता है। ऐसा ही ताजा मामला रोहतास जिला के हुरका से आया है जहाँ लॉक डाउन में जब प्रदेश में लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई। ऐसी स्थिति में लोग घर की ओर लौटे। वही एक युवक ब्रजेश पहले भोजपुरी फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया करता था। लेकिन जब भोजपुरी इंडस्ट्री में अपने आप को असुरक्षित महसूस किया तथा आर्थिक रूप से भविष्य सुरक्षित नही दिखा, तो गांव लौट कर खेती करना मुनासिब समझा।
उन्होंने आधुनिक तकनीक अपनाई तथा गांव में बंजर परे 2 एकड़ की जमीन में खरबूज की खेती शुरू की। सबसे बड़ी बात है कि जाड़े के मौसम में वह ‘लो-टनल’ अर्थात ‘अर्ध-सुरंग’ विधि से मस्कमिलन की खेती शुरू की है। बताया जाता है कि जैसे ही गर्मी की शुरुआत होगी। इसका फल तैयार होकर बाजार में आ जाएगा।
जब तक सामान्य किसान इसे उपजाने की सोचेंगे। आगाथ फसल के रूप में यह मंडी तक पहुंच जाएगी। जिससे 3 गुना से अधिक आमदनी होने की उम्मीद बताई जा रही है। बता दे कि हुरका में लोग ट्रेडिशनल खेती करते हैं। ज्यादातर लोग धान तथा गेहूं की फसल उपजाते हैं। जिसे बाजार में भी नहीं मिल पाता है।
ऐसे में लो टनल फार्मिंग विधि से खरबूजे की खेती मुनाफा देने वाली है। वही मॉडर्न टेक्नोलॉजी के माध्यम से ड्रिप इरिगेशन किया जा रहा है। ताकि कम पानी में अधिक से अधिक सिंचाई हो सके। पूरे खेत में पाइप लाइन बिछाई गई है, 2 एकर की खेती में डेढ़ लाख रुपए की लागत से फसल तैयार हो रहा है। जो 6 लाख का मुनाफा देगा। सबसे बड़ी बात है कि बिहार के आसपास के जिले में ही इसकी खपत हो जाएगी।
क्या कहते हैं किसान ब्रजेश कुमार
ब्रजेश बताते हैं कि उन्होंने हरियाणा से खरबूजे का बीज मंगवाया है तथा हरियाणा जाकर एक परिचित के यहां ‘सुरंग-विधि’ से खेती करने की तकनीकी जानकारी प्राप्त की है। जिसमें पौधों को सामान्य तापमान से बचाने के लिए विशेष रूप से प्लास्टिक कवर किया जाता है। आज ब्रजेश की किसानी लोगों के लिए प्रेरक है। कोरोना वायरस के संक्रमण तथा लॉकडाउन के दौर में जिस तरह से युवा बृजेश ने हिम्मत दिखाई है। यह आने वाले समय में अन्य युवाओं को भी गांव लौटने पर मजबूर करेगी।
रोहतास से कुमार बिपिन की रिपोर्ट…