NEWSPR डेस्क। नई दिल्ली कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बैठक होनी है। समिति अगर इसकी मंजूरी देती है तो देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू हो सकता है। टीकाकरण को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शनिवार 2 जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकाकरण की संपूर्ण व्यवस्था का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया जाएगा। इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को चार राज्यों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया था।
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और फाइजर ने टीके के आपात उपयोग की अनुमति भारतीय औषधि महानियंत्रक के समक्ष आवेदन किया है। इसी के मद्देनजर आज बैठक होने वाली है। एसईसी बुधवार को सीरम और भारत बायोटेक द्वारा प्रस्तुत अतिरिक्त डेटा और सूचनाओं का विवेचन और विश्लेषण किया।
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और फाइजर ने टीके के आपात उपयोग की अनुमति भारतीय औषधि महानियंत्रक के समक्ष आवेदन किया है। इसी के मद्देनजर आज बैठक होने वाली है। एसईसी बुधवार को सीरम और भारत बायोटेक द्वारा प्रस्तुत अतिरिक्त डेटा और सूचनाओं का विवेचन और विश्लेषण किया।
इससे पहले डीसीजीआइ के महानियंत्रक वीजी सोमानी ने गुरुवार को संकेत दिया कि भारत में नए साल में कोरोना का टीका आ सकता है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए, सोमानी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है बात यह है कि उद्योग और अनुसंधान संगठन समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बात की और कहा कि टीका बनाने के लिए काम कर रही इकाइयों को धन उपलब्ध कराया गया। इस दौरान उन्होंने कहा संभवत: नव वर्ष बहुत शुभ होगा, जिसमें हमारे हाथ में कुछ होगा। फिलहाल मैं यही कह सकता हूं।
सोमानी ने कहा कि महामारी के मद्देनजर आवेदकों को अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों को बगैर पूरे डाटा की प्रतीक्षा किए बिना अनमति दे दी गई। आपातकालीन उपयोग के लिए आंशिक डेटा को स्वीकार करने के अलावा सुरक्षा, प्रभाव और गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया गया है।
भारत में छह टीके क्लीनिकल ट्रायल के अलग-अलग स्टेज में हैं। इनमें से चार स्वदेशी रूप से विकसित किए जा रहे हैं। भारत बायोटेक द्वारा विकसित टीके का क्लीनिकल ट्रायल तीसरे चरण में हैं, जबकि जो जायडस कैडिला द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल जारी है। सीरम, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का दूसरे और तीसरे स्टेज का क्लीनिकल ट्रायल कर रहा है। इसी तरह, डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज रूसी टीका स्पुतनिक वी का दूसरा और तीसरा चरण का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है।