भारतीय कृषि से जुड़ी महत्‍वपूर्ण बातें, खरीफ मौसम में कब करें, किस फसल की बुवाई

Patna Desk

भारत एक कृषि प्रधान देश है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

Patna Desk: भारत एक कृषि प्रधान देश है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है. 1960 के बाद देश में कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ नया दौर आया. आइए जानते हैं भारत की खेती से जुड़े फसल के बारे में जानते हैं.

भारत को कृषि प्रधान देश क्यों कहा जाता है ? - Quora

देश भर में किसानों ने खरीफ की फसलों की तैयारी शुरू कर दी है, ऐसे में कोविड-19 महामारी के चलते खेती प्रभावित न हो, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश के अलग-अलग राज्यों के हिसाब से कृषि-परामर्श जारी किया है. इस कृषि परामर्श में किसान अपनी क्षेत्रीय भाषा में जानकारी पा सकते हैं.

भारत एक कृषि प्रधान देश है। जिसके कारण यहां बड़े पैमाने पर कृषि का कार्य - india is an agricultural country

कृषि परामर्श में कृषि उत्पादन, खेती की नई तकनीकियों के साथ ही प्रमुख फसलों, पशुधन, कुक्कुट पालन और मत्स्यपालन को शामिल करते हुए 28 राज्यों एवं 8 केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों के लिए जानकारी उपलब्ध करायी गई है.

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हिमाचल प्रदेश में खरीफ मौसम में किसान मक्का, धान के साथ ही दलहनी और तिलहनी फसलों की बुवाई करते हैं. इसके साथ ही टमाटर, शिमला मिर्च, गोभी, बैंगन जैसी सब्जियों की खेती करते हैं. इन फसलों की उन्नत किस्मों की जानकारी के साथ कब और किस तकनीक से बुवाई करें, जैसी सारी जानकारियां उपलब्ध हैं. जम्मू-कश्मीर में धान, मक्का और सब्जियों की खेती के साथ ही मधुमक्खी पालन और सेब के बगानों में भी देखभाल की जरूरत है.आईसीएआर ने किसानों के लिए जारी की एडवाइजरीआईसीएआर ने किसानों के लिए सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसी तरह उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए हिंदी में जानकारी उपलब्ध करायी गई है. पंजाब के किसानों के उनकी क्षेत्रीय भाषा पंजाबी में कृषि परामर्श जारी किया गया है. उड़ीसा के किसानों के लिए उड़िया और पश्चिम बंगाल के किसानों के लिए बंगाली में सलाह जारी की गई है. इसी तरह महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों के लिए मराठी और गुजराती में सलाह दी गई है.

आईसीएआर ने 400 पन्नों के परामर्श में कहा है कि 2021-22 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण अलग-अलग तरीके से एक बार फिर देश के सामने गंभीर समस्या पैदा हो रही है. इसका कृषि उत्पादन और साथ ही राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. इसमें कहा गया कि उचित तकनीकी विकल्पों के साथ समन्वित प्रयासों से हालांकि, इस तरह की परिस्थितियों में एक स्थायी राह निकल सकती है.

खरीफ मौसम में कब करें, किस फसल की बुवाई, आईसीएआर ने जारी की कृषि सलाह

कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच खरीफ मौसम शुरू हो रहा है और इसलिए खरीफ से पहले की अवधि में किए जाने वाले सामान्य कृषि कार्य बाधित हो सकते हैं. इसमें कहा गया कि श्रम की कमी से निपटने और समय पर सस्ती कीमतों के साथ जरूरी चीजों की उपलब्धता के लिए किसानों को खेतों में खासतौर पर जैविक खाद जैसी जरूरी चीजों का इस्तेमाल बढ़ाने की जरूरत है, संसाधनों के इस्तेमाल की प्रभावशीलता बढ़ाने और खेती की लागत कम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीकें अपनाने की जरूरत है.

Farming caught pace in better monsoon area of kharif crops increased 104 pc so far | बेहतर मानसून से खेती ने पकड़ी रफ्तार, खरीफ फसलों का रकबा अब तक 104 फीसदी बढ़ा - Dainik Bhaskar

खेती के साथ ही किसानों के लिए मछली पालन, पशुपालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन, मधुमक्खी पालन में किसान इस समय क्या कर सकते हैं, यह जानकारी भी दी गई है.

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