अपने अलग स्वाद और अनोखे सुगंध के लिए मशहूर भागलपुर के कतरनी चुरा का बढ़ा डिमांड

Patna Desk

भागलपुर का कतरनी धान अपने आप में खास है इसकी अद्भुत सुगंध और अतिस्वदिष्ट होने की वजह से जीआई टैग मिल चुका है कतरनी धान से कतरनी चावल और चूरा का उपज होता है।

हम आपको स्क्रीन पर दिखा रहे हैं कि कैसे कतरनी धान से मिल में प्रोसेस के बाद कतरनी चुरा तैयार होता है। इसके स्वाद के दीवाने लोग आम दिनों में तो इसका स्वाद चखते हैं ही लेकिन जब मकरसंक्रांति हो तो थाली में दही के साथ यह चूड़ा मिल जाये तो उनके लिए मानो सोने पर सुहागा जैसा हो। भागलपुर के सुल्तानगंज और जगदीशपुर इलाके में व बाँका में बड़े पैमाने पर कतरनी धान की खेती होती है भागलपुर में 1300 एकड़ तो बाँका में 1100 एकड़ में कतरनी धान की खेती होती है। बताया जाता है कि इस इलाके के मिट्टी में ऐसी खासियत है कि इसमें प्राकृतिक खुशबू होती है। सुल्तानगंज के आभा रतनपुर गाँव मे 100 से अधिक किसान जैविक विधि से कतरनी धान उपजाते हैं यहां के मनीष कुमार द्वारा उपजाया कतरनी चूरा पिछले 5 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व महामहिम राष्ट्रपति को जिला प्रशासन द्वारा भेजा जाता है मनीष ने पिछले वर्ष दुबई भी चूरा भेजा था इस सीजन में अब तक 12 क्विंटल की बिक्री हो चुकी है हांलाकि इस वर्ष जिला प्रशासन की ओर से इसे भेजे जाने को लेकर आदेश नहीं मिला है लेकिन पूरी तैयारी जरूर कर ली गयी है। इस वर्ष चूरा 140 रुपये किलो बिक रहा है जो साधारण चूरा से साढ़े तीन गुणा अधिक है बावजूद इसकी बिक्री ताबड़तोड़ हो रही है।

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