Patna Desk:करीब एक साल पहले वैज्ञानिकों को कोविड-19 बीमारी फैलने वाले Sars-CoV-2 कोरोना वायरस के बारे में तब पता चला जब चीन के वुहान में कुछ लोगों के इससे संक्रमित होने की ख़बर आई. इसके बाद ये तेज़ी से दुनिया भर के देशों में फैला और विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसे महामारी घोषित करना पड़ा.
एक समय था जब भारत ने कोरोना के समय अमेरिका की मद्द की थी. अब उसी मद्द को लेकर अमेरिका ने भारत का आभार जताया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के शुरुआती दौर में भारत ने जिस तरह से अमेरिका का साथ दिया उसे हम कभी भूल नहीं सकते. हम चाहते हैं कि इसी तरह हम भी अब भारत की मदद करें.
America Foreign Minister ‘Antony Blinken’
ब्लिंकेन ने यह बात अमेरिका दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान कही. ब्लिंकेन ने कहा कि मौजूदा समय की कई अहम चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका और भारत मिलकर काम कर रहे हैं. कोविड-19 का सामना करने के लिए भी हम एकजुट हैं. साथ ही कहा कि दोनों देशों की पार्टनरशिप मजबूत है और हमें लगता है कि इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं.
Foreign Minister ‘S. Jaishankar’
उधर जयशंकर ने भी कोरोना से लड़ाई के मुश्किल वक्त में अमेरिका से मिली मदद और एकजुटता के लिए जो बाइडेन प्रशासन का आभार जताया है. जयशंकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत के कई मुद्दे हैं. पिछले सालों में हमारे रिश्ते मजबूत हुए हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहने का भरोसा है.
जयशंकर ने कहा है कि ब्लिंकेन से मुलाकात में कोरोना वैक्सीन पर चर्चा सबसे अहम रही. हम अमेरिका की मदद से भारत में वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर भी ब्लिंकेन से मुलाकात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि इस मीटिंग में इंडो पैसिफिक, क्वाड, अफगानिस्तान, म्यांमार, UNSC से जुड़े मामलों और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को लेकर चर्चा हुई. साथ ही भारत-अमेरिका की वैक्सीन पार्टरनरशिप पर भी फोकस रहा, ताकि वैक्सीन सप्लाई सुनिश्चित हो सके.
ब्लिंकेन से मुलाकात से पहले जयशंकर ने शुक्रवार को ही अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान और डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन से भी मुलाकात की थी. ऑस्टिन और जयशंकर के बीच लंबी बातचीत हुई. इस दौरान दक्षिण एशिया और खासतौर पर अफगानिस्तान के मुद्दे पर फोकस रहा. हिंद और प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी विस्तार से बातचीत हुई.
US President ‘Joe Biden’
जनवरी में जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के किसी कैबिनेट मंत्री का यह पहला अमेरिका दौरा है। यह दौरा इस लिहाज से भी अहम है कि चीन हिंद और प्रशांत महासागर में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। जयशंकर और ऑस्टिन की मुलाकात के एक दिन पहले यानी गुरुवार को ही चीनी डिफेंस मिनिस्ट्री ने हिंद और प्रशांत महासागर में किसी बाहरी के ताकत के दखल को रोकने की मांग की थी। इसमें सीधे तौर पर अमेरिका का नाम लिया गया था.