बिहार सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के 11 जिलों को इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत लगभग 24,675.45 एकड़ जमीन को औद्योगिक उपयोग के लिए चिह्नित किया गया है, जिसमें से लगभग 20,000 एकड़ रैयती जमीन और 4,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि शामिल है। इस पहल से करीब 3 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है।उद्योग विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सीतामढ़ी, मुंगेर, गया, मधुबनी और वैशाली में 3402 एकड़ जमीन पर निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। वहीं शेष 21,273 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
विभाग का लक्ष्य न केवल बिहार और पड़ोसी राज्यों की मांग को पूरा करना है, बल्कि नेपाल और भूटान जैसे छोटे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने उत्पादों की पहुंच बनाना है।2025 तक शुरू हो सकता है कामसारण, जमुई, शिवहर, अरवल, शेखपुरा, कैमूर और बांका जिलों में औद्योगिक पार्क के लिए 21,273.07 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। इसमें 18,059.12 एकड़ रैयती भूमि और 3,162.88 एकड़ सरकारी जमीन शामिल है। इन जिलों में फूड प्रोसेसिंग, कॉस्मेटिक निर्माण, बैग, फुटवियर और कॉटन फैब्रिक जैसी इकाइयों की स्थापना की योजना है। जानकारी के मुताबिक, इन क्षेत्रों में 2025 के अंत तक औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो सकती हैं।टेक्सटाइल और लेदर हब भी होंगे विकसितमुंगेर, वैशाली, सीतामढ़ी और मधुबनी जिलों में कुल 2005.45 एकड़ भूमि पर टेक्सटाइल और लेदर हब तैयार किए जा रहे हैं। मुंगेर के संग्रामपुर में 50 एकड़ भूमि पर कार्य आरंभ हो चुका है, जबकि वैशाली में 1243.45 एकड़ जमीन इस परियोजना के लिए तय की गई है।गया जिले में 1670 एकड़ भूमि पर इंडस्ट्रियल पार्क तैयार हो रहा है, जिसकी कुल लागत 1339 करोड़ रुपये है। यहां कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है।इस व्यापक योजना के माध्यम से राज्य में निवेश बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अहम पहल की जा रही है।