शिक्षकों के लिए इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर अब पूरी तरह ऑनलाइन,शिक्षा विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन

Jyoti Sinha

बिहार शिक्षा विभाग ने इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अपर मुख्य सचिव बी. राजेंद्र ने बताया कि अब सभी शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर नया आवेदन करना अनिवार्य होगा। विभाग का कहना है कि इससे प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी और तकनीकी त्रुटियों व विवादों की संभावना घटेगी।

नई गाइडलाइन के तहत शिक्षकों को अपनी पसंद के तीन जिलों का चयन करने का अवसर मिलेगा। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि चाहे शिक्षक ने पहले आवेदन किया हो, उन्हें भी दोबारा पोर्टल पर जाकर पूरी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद शिक्षक की प्रोफ़ाइल पहले से उपलब्ध होगी, जिसमें नाम, पद और सेवा अवधि जैसी मूलभूत जानकारी शामिल होगी। आवेदक को इसमें वैवाहिक स्थिति, गृह जिला और गृह राज्य जैसी जानकारियां अपडेट करनी होंगी। आवेदन को Save as Draft कर सुरक्षित रखा जा सकता है और सबमिट करने से पहले View Application विकल्प से एक बार और जांचा जा सकता है।

अंतिम सबमिशन के बाद संशोधन नहीं
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आवेदन को सबमिट करने से पहले सभी विवरणों की ठीक से जांच करना जरूरी है, क्योंकि अंतिम सबमिशन के बाद कोई बदलाव संभव नहीं होगा। शिक्षक चाहें तो सबमिट करने के बाद उसका प्रिंटआउट निकाल सकते हैं।

गलत जानकारी पर सख्त कार्रवाई
विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर किसी शिक्षक ने आवेदन में गलत या भ्रामक जानकारी दी तो उसका आवेदन स्वतः निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही केवल तय समयसीमा में जमा हुए आवेदन ही मान्य होंगे।

पारदर्शिता पर फोकस
शिक्षा विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से ट्रांसफर प्रक्रिया ज्यादा सुगम और निष्पक्ष होगी। पहले कई बार शिकायतें आती थीं कि पुराने आवेदन अधूरे रह जाते हैं या गलत विवरण की वजह से लंबित हो जाते हैं। अब पोर्टल पर हर शिक्षक का रिकॉर्ड एक जगह सुरक्षित रहेगा और चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी।

विभाग को उम्मीद है कि इस पहल से खासकर वे शिक्षक लाभान्वित होंगे जो पारिवारिक कारणों से अपने गृह जिले या नजदीकी स्थान पर स्थानांतरण चाहते हैं।

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