NEWSPR डेस्क। बिहार के राजधानी पटना में एक तरफ सरकार कोरोना से बचाओ के लिए कड़े निर्देश जारी कर रही हैं वही दूसरी और पटना के एक अस्पताल की गैरज़िम्मेदार हरकत सामने आई हैं जहा अस्पताल परिसर में खुले में पीपीई किट फेंके जा रहे हैं और सड़क पर मेडिकल वेस्ट का ढेर है। इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) जाने वाले मरीजों पर हर दिन संक्रमण का खतरा मंडराता है क्योंकि मेडिकल वेस्ट के ढेर से ही होकर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल के अंदर जाना पड़ता है। पटना के मेडिकल कॉलेज अस्पताल से अब लोगों को कोरोना संक्रमण फैलने का डर है।
कोरोना से बचाव को लेकर सरकार लगातार दावे कर रही है। इसी में साफ-सफाई का दावा भी शामिल है। लेकिन सरकार का यह दावा पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में झूठा साबित हो रहा है। पीएमसीएच कैंपस में ही इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान है, लेकिन रास्ते में मेडिकल वेस्ट का ढेर पड़ा है। कोरोना वार्ड से निकलने वाला पूरा कचरा और मेडिकल वेस्ट यहीं फेंका जा रहा है।
पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना के मरीजों के पास से निकले मेडिकल वेस्ट और पीपीई किट को इसी रास्ते में फेंका जा रहा है। हृदय रोगी कोरोना को लेकर काफी संवेदनशील माने जाते हैं और यह लापरवाही उनपर भारी पड़ सकती है। इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के डॉक्टरों ने कई बार पीएमसीएच से इसे हटाने की मांग की है लेकिन साफ-सफाई को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कोरोना का कचरा नष्ट करने को लेकर भी सरकार की गाइडलाइन है। इसका निस्तारण करने को लेकर विशेष सतर्कता का आदेश है। इसे संक्रमितों के पास से सुरक्षित उठाना है और फिर सुरक्षा के साथ इंसिनरेटर में नष्ट करना है। किसी भी दशा में इसे खुला नहीं फेंकना है। संक्रमित कचरा को उठाने और इसे नष्ट करने के दौरान कर्मचारियों को पीपीई किट पहनना है।