NEWSPR DESK- शनिवार को पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम में भगवान सूर्य की आराधना कर खीर रोटी आदि खरना का प्रसाद शोभन योग से ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला व्रत का संकल्प लिया वर्ती रविवार को शाम रवियोग में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य और सोमवार सुकर्मा योग में उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देकर भर्ती संकल्पित अनुष्ठान को संपन्न कर पारण करेगी
लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने दिनभर निर्जला उपवास रखकर शाम को गंगा एवं शहर के अन्य जलाशयों के साथ घर में रखे गंगाजल से स्नान कर खरना का व्रत किया
गंगा घाट एवं घरों में वर्तियों ने हर हर महादेव हर हर गंगे जय छठी मैया आदि के जयकारे लगा आस्था की डुबकी लगाई हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर कोई व्यवस्था नहीं की गई थी इसके बावजूद अपने परिवार के साथ बाइक एवं अन्य गाड़ियों पर बैठ गंगा घाट पर आते व्रती दिखे दोपहर 1:00 बजे से पटना के कलेक्ट्रेट घाट काली घाट पर वर्तियों का आना-जाना लगा रहा
हार्दिक देने से मिलती है शांति एवं उन्नति..
ज्योतिषाचार्य पी के युग ने बताया कि भगवान सूर्य को जल से अर्ध्य देने से मानसिक शांति और जीवन में उन्नति होती है अर्ध्य के समय लाल चंदन फूल के साथ अर्ध्य देने से यश की प्राप्ति होती है जल में गुड़ मिलाकर अर्ध्य देने से पुत्र और सौभाग्य का भी वरदान मिलता है.
घर पर दे सूर्य को अर्ध्य..
वही ज्योतिष आचार्य एवं पंडितों ने कहा कि छठ व्रती कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने घर पर ही पूरी विधि व्यवस्था के साथ नियमों को पालन करते हुए भगवान सूर्य को अर्ध्य दें और व्रत को संपन्न करें